कोर्ट रूम में वकीलों से विवाद के बाद जज ने राज्यपाल से की VRS की मांग, 150 से ज्यादा के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत
पत्र में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त के लिए अनुरोध किया है. विशेष न्यायाधीश के अचानक वीआरएस मांग से यह पूरा मामला काफी गरमा गया है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao Court Case) जिले में जज और वकीलों के एक समूह के बीच हुई झड़प अब काफी गर्माता जा रहा है. विवाद के बाद अब पाक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रहलाद टंडन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है. फिहलाहा उन्होंने अपने पत्र में वीआरएस मांग के लिए पारिवारिक कारण बताया है लेकिन माना जा रहा है कि वकीलों से विवाद के कारण ही उन्होंने यह कदम उठाया है.
दरअसल गुरुवार को एक जमानत याचिका को खारिज करने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. 23 मार्च मंगलवार जज प्रहलाद टंडन ने एक मामले में जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद अगले दिन बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर यादव और न्यायाधीश के बीच में कुछ कहा सुनी हो गई. इस पूरे मुद्दे को एसोसिएशन ने अपनी बैठक में रखा और जज का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी.
150 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज
जज प्रहलाद टंडन ने अब इस पूरे मामले पर पुलिस थानें पर शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में जज ने वकीलों पर कोर्ट रूम में अभ्रदता करने, कुर्सी-मेज फेंकने, डायस में छढ़कर गंदी भाषा का प्रयोग करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है. जज की शिकायत के आधार पर 150 से अधिक लोगों पर क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
कोर्ट रूम विवाद के बाद न्यायाधीश प्रहलाद पांडे ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय और जिला न्यायाधीश, के साथ रजिस्ट्रार जनरल को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त के लिए अनुरोध किया है. विशेष न्यायाधीश के अचानक वीआरएस मांग से यह पूरा मामला काफी गरमा गया है.
हमले की हुई घोर निंदा
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पर हमले की घोर निंदा की है. उधर दूसरी तरफ प्रदेश के वकीलों ने भी इस तरह के हमले को गलत ठहराया है. इस पूरे मामले पर पहले तो पुलिस शिकायत दर्ज करने में ठिलाई बरत रही थी लेकिन वीआरएस की चर्चा जैसे जैसे बढ़ी पुलिस तो तुरंत मामला दर्ज कर लिया.