कानपुर में राष्ट्रपति की सुरक्षा का ब्योरा लीक …… एक-एक बिंदु पर विस्तृत रिपोर्ट वाला 76 पन्नों का PDF वायरल, कमिश्नर ने बैठाई गोपनीय जांच
राष्ट्रपति आज मेहरबान सिंह के पुरवा के एक कार्यक्रम में शामिल होने कानपुर पहुंच रहे हैं। इससे ठीक एक दिन पहले शाम को बेहद गोपनीय राष्ट्रपति की सुरक्षा का ब्योरा व्हाट्सएप ग्रुपों पर वायरल हो गया। इसमें राष्ट्रपति का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम ही नहीं उनकी सुरक्षा को लेकर एक-एक पहलू की रिपोर्ट है। सुरक्षा का ब्योरा लीक होने की जानकारी मिलते ही पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने गोपनीय जांच बैठा दी है।
प्रोटोकॉल बेहद अहम और गोपनीय होता है
देश के प्रथम नागरिक (राष्ट्रपति)) की सुरक्षा और उनका प्रोटोकॉल बेहद अहम और गोपनीय होता है। इसकी जानकारी सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े प्रमुख अफसरों को ही होती है। कानपुर में राष्ट्रपति के 2 दिवसीय 24 और 25 नवंबर के कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को मेहरबान सिंह के पुरवा कार्यक्रम स्थल, (हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय) एचबीटीयू और सर्किट हाउस में उनकी सुरक्षा व्यवस्था के 76 पन्नों का पूरा खाका( PDF फाइल) व्हाट्सएप पर वायरल हो गया।
इसमें राष्ट्रपति के कार्यक्रम के साथ ही हेलिपैड पर सुरक्षा व्यवस्था की किस अफसर की जिम्मेदारी है, हेलिपैड से लेकर कार्यक्रम स्थल के डी-सर्किल व एंट्री गेट से लेकर मंच और फ्लीट के साथ ही सर्किट हाउस की इनर और आउटर कार्डन की सुरक्षा का पूरा ब्योरा लिखा हुआ है। यहां तक की कहां-कहां CCTV कैमरे लगे हैं और सुरक्षा में लगे अफसर के नाम के साथ मोबाइल नंबर तक दर्ज है। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने मामले की जानकारी होने के बाद जांच बैठा दी है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को और अलर्ट करने की बात कही है।
मिलिट्री इंटेलिजेंस और खुफिया ने किया है अलर्ट
कानपुर में 1993 से सन-2000 के बीच चार बड़ी आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। 1992 से अब तक 10 आईएआईएस एजेंट (पाक जासूस) गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके साथ ही आतंकियों को शरण देने में 5 गिरफ्तारी हो चुकी है। कानपुर सिमी की गतिविधियों का भी केंद्र रहा है। 1-2-2010 को इंडियन मुजाहिद्दीन का फरार आतंकी शहजाद उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी हुई। वह आईआईटी में प्रवेश के दौरान धमाके करने की फिराक में था। 2010 में माओवादी के 8 सक्रिय सदस्य गिरफ्तार हुए।
आतंकी संगठनों की गतिविधियों के लिहाज से कानपुर बेहद संवेदनशील जिला है। मिलिट्री इंटेलिजेंस और खुफिया विभाग ने राष्ट्रपति के आने से पहले अपनी रिपोर्ट में ऐसा दावा किया है। राम मंदिर का फैसला, जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाने का फैसला को देखते हुए भी अलर्ट रहने की चेतावनी दी गई है। इसके बाद भी कानपुर पुलिस की लापरवाही से राष्ट्रपति की सुरक्षा का पूरा गोपनीय खाका सार्वजनिक हो चुका है।
खुफिया की तैनाती भी सार्वजनिक
राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात खुफिया विभाग के कर्मचारी कितने और कहां-कहां सिविल ड्रेस में तैनात रहेंगे यह जानकारी भी सार्वजनिक हो चुकी है। जबकि खुफिया विभाग को सिविल ड्रेस में सिर्फ इसलिए वीआईपी मूवमेंट में तैनात किया जाता है कि अंदर की एक-एक जानकारी मिल सके। राष्ट्रपति की सुरक्षा का ब्योरा लीक होने से उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।