वीजापुर। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को नक्सलियों को कड़ा संदेश दिया है और एक तरह से सरकार की नीति साफ कर दी है कि वह नक्सलियों के खिलाफ आने वाले दिनों में सख्त अभियान छेड़ सकती है। बीजापुर में CRPF के जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने नक्सलियों को साफ संदेश दिया कि अगर वे हथियार छोड़कर वापस लौटते हैं तो उनका स्वागत होगा और अगर ऐसा नहीं करते और हथियार उठाते हैं तो सरकार के पास भी लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
नक्सली हमले में मारे गए 22 जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद बीजापुर में CRPF के जवानों को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “जब एक साथी साथ छोड़कर जाता है तो दुख तो होता ही है, परंतु एक पूरे क्षेत्र के हजारों गरीब यहां नक्सल समस्या के कारण विकास से महरूम हैं, यहां न उद्योग आ सकता है न रोजगार आ सकता है, न अच्छे स्कूल बन सकते हैं न अस्पताल और कॉलेज बन सकते हैं, उनके जीवन के सुख के लिए समस्या के खिलाफ हमें लड़ना ही पड़ेगा, हमारे पास कोई चारा नहीं है, सरकार यह भी प्रयास करेगी, कि सबलोग हथियार डालकर आएं, अगर हथियार डालकर आना है तो उनका स्वागत है, मगर हाथ में अगर हथियार है तो हमारे पास भी कोई रास्ता नहीं।”
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में CRPF कैंप को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि आप ने अपने कुछ साथी ज़रूर गवाएं हैं। आपके साथियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। जिस उद्देश्य के लिए उन्होंने बलिदान दिया है, निश्चित रूप से वह उद्देश्य पूरा होगा और जीत हमारी होगी। नक्सली हमले में मारे गए जवानों को मैं प्रधानमंत्री, मेरी ओर से और देश की जनता की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं। उनके बलिदान को देश भुला नहीं सकता। उनके परिवारों के प्रति देश की सहानूभूति है। यह लड़ाई है और इस लड़ाई को हमें अंजाम तक पहुंचाना है। जो हथियार डालकर आना चाहते हैं उनका स्वागत है। लेकिन हाथ में अगर हथियार है तो हमारे पास भी कोई रास्ता नहीं है। कमियों को सुधारने के लिए तुरंत कार्रवाई करेंगे। बता दें कि, छत्तीसगढ़ के बीजापुर के CRPF कैंप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CRPF के जवानों के साथ मुलाकात की