जहरीली शराब पीने से हुई थी मौतें:पूर्व मंत्री के दावे पर फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट की सील, शराब से सात लोगों की मौत के मामले में घिरी भिंड पुलिस
- प्रशासनिक अफसरों के गले में अटका जहरीली शराब कांड
- पुलिस अफसरों का दावा अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई
लहार विधानसभा क्षेत्र में होली पर सात लोगों की शराब पीने से मौत हुई थी। इन मृतकों का पीएम करा कर विसरा ग्वालियर स्थित क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। जांच के बाद पीएम फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने शराब को जहरीला पाया। जांच के दौरान पाया गया कि मृतकों ने जिस शराब का सेवन किया था, उसमें इथेनॉल की मात्रा ज्यादा थी। इस वजह से शराब नुकसानदायक थी, जिसे पीने से मौत हुई है।
रिपोर्ट की जानकारी प्रशासनिक अफसरों के पास आ चुकी है। फॉरेंसिंक विभाग के अफसर ने नाम न उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि इथेनॉल की मात्रा शराब में ज्यादा होने से मौत हुई है।
हालांकि चंबल आईजी मनोज शर्मा का कहना है कि अभी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि हो सकेगी।
बीते दिनों होली उत्सव के दौरान मिहोना और रौन थाना क्षेत्र के जैतपुरा गुढ़ा, असनेहट, चांदौख समेत यूपी सीमा के दो गांव में दो लोगों सहित सात लोगों की मौत हुई थी। यह मृतक को लेकर पहले ही दिन से पूर्व मंत्री व लहार विधायक डाॅ गोविंद सिंह शराब का जहरीला होना बता रहे थे। वहीं प्रशासन और पुलिस इसे सामान्य मौत करार दे रहा था। अफसरों का कहना था कि शराब जहरीली नहीं आ रही। जिले में अवैध शराब का कारोबार थमा है।
मृतकों ने ज्यादा मात्रा में शराब का सेवक किया है, इसलिए सामान्य मौत है। हालांकि मामले में तीन लोगों का पीएम कराया गया था। सूत्र बताते हैं कि यह पीएम रिपोर्ट की जानकारी पुलिस विभाग के आईजी, एसपी को दी जा चुकी है।
इसलिए अंधेरे में मृतकों के घर पहुंचे थे अफसर
बीत रोज कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और एसपी मनोज कुमार सिंह समेत आबकारी अफसर चांदौख, जैतपुरा गुढ़ा और असनेहट पहुंचे थे। यहां मृतकों के परिजनों से बातचीत की थी। घटना से एक सप्ताह बाद रात के अंधेरे में प्रशासनिक अफसरों का मृतकों के घर जाना भी जांच रिपोर्ट को पुष्ट करता है। हालांकि मामले में भिंड के पुलिस व प्रशासनिक अफसर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।