गंगा किनारे रेत में दफनाए गए शवों से चादर हटाने के मामले में डीएम ने दिए जांच के आदेश

गंगा किनारे दफनाए गए शवों पर से कपड़ा और लकड़ियां हटाने के मामले में इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने जांच के आदेश दिए हैं.

प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा किनारे दफनाए गए शवों से रामनामी चादर और लाल-पीले रंग के कपड़े हटाने (Removal of Ramnami sheet from dead bodies) का वीडियो वायरल होने के बाद ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने पूरे मामले की जांच के आदेश जरी कर दिए हैं. डीएम और एसएसपी ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एडीएम सिटी और एसपी (गंगा पार) को सौंपी हैं. प्रशासन का कहना है कि उनके आदेश पर कब्रों से कपड़ा या लकड़ी नहीं हटाई गई है.

सोमवार को एक वीडियो सामने आया था जिसमें कुछ लोग गंगा किनारे दफनाए गए इन शवों के ऊपर पड़ी रामनामी चादर और उनके आसपास लगाई गईं लकड़‍ियां हटाते नज़र आ रहे थे. प्रशासन ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि उनकी तरफ से ऐसे आदेश नहीं जारी किए गए थे. ऐसे में अब जांच की जा रही है कि ऐसा कर रहे लोग कौन थे और किसने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था. ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था जिसके बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इसकी आलोचना की थी. इसे लेकर लोगों की तीव्र प्रतिक्रियायें भी सामने आईं थीं और लोगों ने कहा था कि जीते जी ना तो इनको ढंग का इलाज मिला और अब ना उचित ढंग से अंतिम विदाई, इसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफार्म पर अवाज उठाई गई थी.

प्रियंका गांधी ने साधा निशाना

प्रियंका गांधी ने ये वीडियो ट्वीट कर लिखा था- ‘जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला. कितनों को सम्‍मान से अंतिम संस्‍कार नहीं मिला. सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली. अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है. छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है. ये कौन सा सफाई अभियान है? ये अनादर है मृतक का, धर्म का, मानवता का.’ इसके बाद कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें इस वीडियो के बैकग्राउंड में पीएम मोदी का भाषण लगा दिया गया था. इस ट्वीट में लिखा था- ‘सच पर वार करके बीजेपी अपनी नाकामी को छिपाना चाहती है, जो संभव नहीं है. सच लाशों के रूप में तैर रहा है, रेत में दबा है और चिताओं में जल रहा है. प्रधानमंत्री अपनी जिम्‍मेदारी से बचान चाहते हैं.’

गंगा किनारे हजारों शव मिल रहे हैं

बीते दिनों कानपुर, प्रयागराज, गाजीपुर, बलिया और बक्सर में ऐसे हजारों शव गंगा किनारे रेत में दफनाए या फिर पानी में तैरते मिले थे. माना जा रहा है कि इनमें से अधिकतर कोरोना संक्रमितों की लाशें भी हो सकती हैं. श्मशान घाट पर भीड़ बढ़ने के बाद कुछ लोगों ने शवों को गंगा में बहा दिया और बाकी ने इन्हें गंगा किनारे रेत में दफ़न कर दिया. उन्‍नाव, कन्‍नौज, कानपुर, रायबरेली और प्रयागराज में रेत में दबे हजारों शव मिले हैं.

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