अलीगढ़ शराब कांड में जिंदा बचे लोगों का दर्द

शराब पीने के आधे घंटे बाद दिखना बंद हो गया; सांसें फूली और धड़कन तेज हो गई, लगा जैसे मौत सामने खड़ी है

अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, जिला प्रशासन 28 मौतों का दावा कर रहा है। बाकी शवों का पोस्टमार्टम कराकर विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। DM चंद्रभूषण कहते हैं कि विसरा की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि जहरीली शराब से कितनी मौतें हुई हैं? शराब से मरने वालों में कई लोग बिहार के रहने वाले थे।

 तीन रिपोर्टर ग्राउंड पड़ताल के दूसरे दिन उन गांवों में पहुंचे जहां से मौतों का ये सिलसिला शुरू हुआ था। इसमें करसुआ, रुस्तमपुर, अहमदपुर और सांगौर गांव शामिल हैं। करसुआ में सबसे ज्यादा 11 लोगों की जान गई है। रुस्तमपुर और सांगौर में 4-4 और अहमदपुर में 3 लोगों की मौत हुई। भास्कर के रिपोर्टर ने उन लोगों से भी बातचीत की, जो जहरीली शराब पीने के बाद मौत के मुंह से बाहर आ गए। 

मानों मौत सामने खड़ी हो…

अहमदपुरा के 48 वर्षीय देवकरण ने भी 27 मई को शराब पी थी। देवकरण इंडियन ऑयल प्लांट में काम करते हैं। कहते हैं, ‘काम के बाद थकान मिटाने के लिए मैंने शराब पी। आधे घंटे बाद आंखों के सामने धुंध छाने लगी। किसी तरह घर पहुंचा, तब तक आंखों से दिखना बंद हो गया था। जीभ अकड़ने लगी थी। सांसें फूलने लगी और दिल की धड़कनें तेज हो गईं। एक पल ऐसा लगा कि अब जिंदा नहीं बचूंगा। मौत सामने खड़ी है। इसके बाद क्या हुआ कुछ भी याद नहीं है। होश आया तो मैं अस्पताल में था।’ देवकरण बताते हैं कि उस दिन उनके साथ प्लांट में काम करने वाले उनके कई और साथियों ने भी शराब पी थी। उनमें से कई की मौत हो गई। ज्यादातर बिहार और पूर्वांचल के रहने वाले थे। उनके घरवाले आए और शव का अंतिम संस्कार करके चले गए। उनके घरवाले तो ये भी नहीं जान पाए कि ये मौतें शराब की वजह से हुई है।

11 लोगों की मौत होने से करसुआ गांव में पसरा सन्नाटा।

डेढ़ क्वाटर पी ली थी, 4 घंटे बाद बेचैनी बढ़ी और अंधापन छा गया
करसुआ गांव के सोनपाल सिंह और राकेश सिंह बताते हैं कि 27 मई को गांव के बाहर बने देसी शराब के ठेके से दो-दो क्वाटर लिए थे। इंडियन ऑयल के प्लांट के पास डेढ़-डेढ़ क्वाटर पी लिए। घर जाकर खाना खाया और लेट गया, थोड़ी ही देर में बेचैनी होने लगी। उठकर बैठा तो आंखों के सामने अंधेरा छा गया। ऐसा लगा जैसे अंधा हो गया हूं। सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी। घरवालों को बताया तो वे अलीगढ़ के जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। तीन दिन तक इलाज चला, तब जाकर जान बच गई। अब घर लौट आए हैं।

इंडियन ऑयल के इसी प्लांट के बाहर 27 मई को जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी।

जिनकी मौत हुई उनके शरीर नीले पड़ गए थे
करसुआ गांव के प्रधान रितेश उपाध्याय बताते हैं कि इस गांव में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 लोग अभी भी जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं। बड़ी बात यह है कि 8 लोगों की मौत प्लांट के बाहर हुई थी। जिनके परिजन संस्कार करके चले गए, ये लोग पूर्वांचल और बिहार के थे। यहां प्लांट पर मजदूरी करते थे। जिन लोगों की मौत हुई उनमें से ज्यादातर के शव नीले पड़ चुके थे। गांव में जो डॉक्टर्स की टीम आई उनका कहना था कि यह मौत सीधे जहर खाने से हुई है। बाद में पता चला कि ये मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं

पत्नी और 3 बच्चों का कैसे होगा पालन
करसुआ गांव में 11 मौतें हुई हैं। इनमें 30 साल के अजय ने भी जान गंवा दी। अजय गैस प्लांट में ट्रांसपोर्टर का ट्रक चलाते थे। ग्रामीण बताते हैं कि अजय ने भी उस दिन अपने साथियों के साथ शराब पी। थोड़ी देर में ही उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अजय घर में कमाने वाले इकलौते थे। 3 छोटे बच्चे, पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। अजय की पत्नी कहती हैं कि अब घर चलाना भी मुश्किल हो गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *