UP विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की कोशिश है ये’, राम मंदिर ट्रस्ट पर घोटाले के आरोपों पर बोली VHP

VHP ने कहा कि UP विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाए

अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) की ओर से मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर घोटाले के आरोप लगाए जा रहे हैं. ये आरोप समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और मंत्री से लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद ने लगाए हैं. इसके बाद इस मामले में सभी विपक्षी दलों की राजनीति शुरू हो गई है, जिसके बाद विपक्ष और ट्रस्ट के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच, विश्व हिंदू परिषद् (VHP) ने भी राम मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया है और मानहानि का मुकदमा दायर करने की मांग की है.

VHP ने अयोध्या में जमीन की खरीद में राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) के खिलाफ लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की चेतावनी दी है. VHP के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, “राम मंदिर का निर्माण प्रामाणिक और पारदर्शी है. इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा लगता है कि ये ‘गलत सूचना अभियान’ अपने स्वार्थ के लिए किया जा रहा है. राजनीतिक दल इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये मामला विश्वास से संबंधित है.”

सपा नेता और AAP नेता ने राम मंदिर ट्रस्ट पर लगाए ये आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता तेज नारायण पांडे और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने रविवार को राम मंदिर ट्रस्ट पर भूमि सौदे में घोटाले का आरोप लगाया है और मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है. पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जमीन का टुकड़ा पहले रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने 2 करोड़ रुपये में खरीदा, और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हो गया”. पांडे ने ये भी दावा किया कि RTGS भुगतान के जरिए रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी के बैंक खाते में 17 करोड़ रुपये भेजे गए और RTGS मनी ट्रांसफर की जांच की मांग की.

झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ हो मानहानि का मामला दर्ज : VHP

इस पर, विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार ने कहा कि राम मंदिर के लिए भूमि सौदा एक ‘पारदर्शी समझौता’ था. उन्होंने कहा, “हम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खिलाफ झूठे आरोप लगाने वाले लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने की सलाह देते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए वे झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.” कुमार ने सोमवार को कहा कि ‘जमीन उसके असली मालिक कुसुम पाठक के नाम पर थी. उन्होंने कुछ साल पहले सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और जमीन को 2 करोड़ रुपये में बेचने के लिए सहमत हो गई थी, जो उस समय जमीन की मार्केट वैल्यू थी’.

राम मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद बढ़ी है जमीन की कीमत : VHP

कुमार ने कहा कि जमीन की खरीद-बिक्री आपसी बातचीत और सहमति के आधार पर की गई है. उन्होंने बताया, “कुसुम पाठक इसे बेचने के लिए तैयार थे, लेकिन वह इसे बेच नहीं सकते थे, क्योंकि वह पहले ही एक सौदा कर चुके थे. इस बीच, सुल्तान अंसारी और रवि मोहन त्रिपाठी दोनों भी इसे बेचने के लिए तैयार थे, लेकिन कुसुम की सहमति के बिना वे ये निर्णय नहीं ले सकते थे, उनके बीच इसे बेचने का कोई समझौता नहीं था. हरीश पाठक समेत इन चारों की सहमति के बिना यह सौदा संभव नहीं था.”

विहिप नेता ने कहा कि राम मंदिर के फैसले और राज्य सरकार की तरफ से मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई है और इस जमीन की वर्तमान दर 18.5 करोड़ रुपये है. सौदे में कोई अनियमितता न होने पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि सभी पैसे का लेनदेन नकद में किया गया है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का तो कोई सवाल ही नहीं है.

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