घड़ियाल के परिवार पर संकट!:मध्यप्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन से इन्हें खतरा, अब राजस्थान में बनेगी हैचरी
चंबल नदी का 435 किमी एरिया घड़ियालों के लिए संरक्षित है। लेकिन श्योपुर के पाली घाट से यूपी के पचनदा तक रेत का अवैध उत्खनन घड़ियालों के जीवन के लिए संकट पैदा कर रहा है। लेकिन हकीकत यह भी है कि धौलपुर, यूपी की सीमा में रेत का अवैध उत्खनन कम है, इसलिए यहां घड़ियाल न सिर्फ स्वछंद होकर अंडे दे रहे हैं बल्कि अपने बच्चों के साथ मादा अठखेलियां भी करती हैं। नजारा धौलपुर क्षेत्र में मौरोली घाट का है। मादा घड़ियाल की पीठ पर बैठे उसके बच्चे आकर्षण का केंद्र हैं।
मादा घड़ियाल की पीठ पर सवार उसके बच्चे… घड़ियाल न सिर्फ स्वछंद होकर अंडे दे रहे हैं बल्कि अपने बच्चों के साथ मादा अठखेलियां भी करती हैं।
राजस्थान में 26 नेस्टिंग साइट पर 6300 बच्चों ने जन्म लिया : यहां बता दें कि चंबल में अवैध रेत उत्खनन की वजह से घड़ियालों के अधिकांश अंडे नष्ट हो गए। जबकि राजस्थान साइड में इनकी संख्या 6300 से अधिक है।