प्रतिबंध के बाद भी खुले में बिक रहा सरसों तेल, हो रही पाम-राइस ब्रॉन की मिलावट

 केंद्र सरकार ने तेलों में होने वाली मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए तेल कारोबारियों के ब्लेंडेड ऑयल (मिश्रित तेल) लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। अब 8 जून से किसी भी तेल में कोई दूसरे तेल की मिलावट नहीं की जा सकती। सरकार के इस आदेश के बाद भी मुरैना जिले में सरसों के तेल में मिलावट जारी है। सरसों के तेल में राइस ब्रान से लेकर पाम ऑयल तक धड़ल्ले से मिल रहा है। खुले सरसों तेल को शुद्ध समझकर उपयोग कर रहे लोगों को नहीं पता कि, वह सरसों का तेल समझकर सेहत के लिए नुकसानदायक तेलों का उपयोग कर रहे हैं।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कोई भी खाद्य सामग्री ख्ुले में नहीं बेची जा सकती। इसमें सभी प्रकार के खाद्य तेल भी शामिल हैं। फूड सेफ्टी एक्ट के अनुसार कोई भी तेल कारोबारी या किराना दुकानदार सरसों तेल को खुले में नहीं बेच सकता। लेकिन मुरैना शहर से लेकर पूरे जिले में किराना दुकानों से लेकर छोटे तेल मिल (स्पेलर) मालिक सरसों के तेल को खुले में बेचता है।

इस खुले तेल में कईयों व्यापारी पाम ऑयल से लेकर राइस ब्रान ऑयल की मिलावट कर रहे हैं। मुरैना के एक बड़े तेल कारोबारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि, आज भी मुरैना शहर में आए दिन पाम ऑयल व राइस ब्रॉन के टैंकर आते हैं। टैंकर का तेल ड्रमों में भरकर मुरैना शहर के अलावा अंबाह से लेकर जौरा-सबलगढ़ क्षेत्र तक के तेल कारोबारियों को सप्लाई होता है। स्थिति यह है कि जो स्पेलर संचालक एक दिन में 250 किलो तेल उत्पादन कर रहा है वह बाजार में 400 किलो तेल बेच देता है। इसके अलावा जो किराना व्यापारी ऑयल मिलों से शुद्ध सरसों का तेल लाते हैं, उनमें से अधिकांश पाम ऑयल या राइस ब्रॉन ऑयल की मिलावट करके बेच रहे हैं।

फूड विभाग सुस्त, इसलिए मिलावटी मस्त

सरकार के सख्त कदम के बाद भी लोगों को सरसों का तेल शुद्ध मिले, इसकी कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि तेल मिल संचालकों से लेकर किराना दुकानदार जो घर-घर तक इस तेल को पहुंचाते हैं, उन्हें प्रशासन की कार्रवाई का रत्तीभर डर या चिंता नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुरैना जिले में फूड सेफ्टी विभाग की टीमें बीते कई साल से मिलावटी दूध, पनीर पर कार्रवाई करने में सीमित रह गया है। तेल की मिलावट की बात उठती है तो फूड विभाग की टीम एक-दो बड़े तेल मिलों पर जाकर सेंपल लेकर इतिश्री कर देती है। जबकि होना यह चाहिए कि फूड विभाग की टीम को बाजार में खुले व पेकिंग में बिक रहे तेलों के सेंपल लेना चाहिए।

65 रुपये का पाम-राइस ब्रॉन 150 रुपये का हो जाता है

सरसों के तेलों में पाम ऑयल व राइस ब्रॉन मिलाने का काम अभी भी जारी है। इस बात का खुलासा रविवार को पकड़े गए पाम ऑयल व कैमिकलों के व्यापारी रामसहाय शर्मा ने पुलिस व फूड विभाग की टीम के सामने भी करते हुए बताया, कि इस पाम ऑयल को वह कई किराना व स्पेलर मालिकों को सप्लाई करता है। पाम ऑयल व राइस ब्रॉन का बाजार भाव 65 रुपये किलो हैं, जबकि सरसों का तेल इन दिनों 150 रुपये किलो बिक रहा है। तीन किलो सरसों के तेल में एक किलो पाम ऑयल मिलाने के बाद 65 रुपये का पाम ऑयल 150 रुपये में बिकता है। इसी अंधी कमाई के लिए मिलावट का खेल हो रहा है।

भिंड से लेकर राजस्थान तक सप्लाई होता है खतरनाक केमिकल

रविवार को प्रशासन की टीम ने पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जिस रामसहाय शर्मा के यहां पाम ऑयल से लेकर नकली दूध व पनीर बनाने के काम आने वाले आरएम कैमिकल व हाईड्रोजन परऑक्साइड जैसे कैमिकल को मुरैना के अलावा श्योपुर, भिंड जिले और राजस्थान के धौलपुर क्षेत्र तक में सप्लाई किया जाता है। कोतवाली टीआइ अतुल सिंह ने बताया कि एफआइआर करने के बाद इस बात की पड़ताल की जा रही है, कि इसके यहां पाम ऑयल व ऐसे खतरनाक कैमिकल आते कहां से हैं। इसके अलावा यह किन-किन जगहों पर सप्लाई होते हैं, इसकी भी छानबीन कर कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे।

मिश्रित तेलों के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कारोबारी, नहीं मिली राहत

गौरतलब है, कि केंद्र सरकार ने 8 जून से मिश्रित तेल बनाकर बेचने वाले तेल कारोबारियों के लाइसेंस खत्म कर दिए हैं। मिश्रित तेल लाइसेंस की दम पर 20 फीसद सरसों का तेल और उसमें 80 फीसद तक पाम ऑयल व राइस ब्रान की मिलावट करके शुद्ध सरसों के तेल के नाम पर बेचा जाता था। 8 जून से सरकार ने देश में मिश्रित तेल की पेकिंग व बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद मुरैना सहित देशभर के कई बड़े तेल कारोबारी मिश्रित तेलों के कारोबार को चालू रखने व सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गए थे। मुरैना के तेल कारोबारी मनोज जैन ने बताया, कि सरकार ने तेल कारोबारियों की स्टे याचिका खारिज कर दी है। वहीं सिंह ऑयल के मालिक अशोक सिंह भदौरिया बताते हैं, कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को सुनवाई हो सकती है।

इनका कहना है

हां यह सही है कि कोई भी तेल कारोबारी या दुकानदार किसी भी प्रकार का खुला तेल नहीं बेच सकता। खुले तेल में मिलावट की संभावना पूरी रहती है, इसलिए पेकिंग करके, उस तेल की गुणवत्ता की जानकारी के साथ बेचना चाहिए। खुले तेल की बिक्री को रोकने के अलावा तेलों की सेंपलिंग के लिए हम कार्रवाई और बढ़ाएंगे।

अनिल प्रताप सिंह फूड सेफ्टी ऑफिसर, मुरैना

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