चंबल V/s सीवर प्रोजेक्ट:वाटर प्रोजेक्ट के साथ ही सीवर लाइनें बिछें, दो-दो बार खुदाई की परेशानी से बचेगी जनता

  • दूसरे चरण में 23 वार्डों में सीवर लाइनें बिछाने सरकार जल्द स्वीकृति दे, ननि ने शुरू की तैयारी

चंबल नदी से शहर तक पानी सप्लाई करने के लिए वाटर प्रोजेक्ट के टेंडर हो चुके हैं। 4 महीने बाद कंपनी अपना काम शुरू कर देगी। इसके लिए शहर में पाइप लाइन बिछाने के लिए खुदाई होगी। इधर, शहर में दूसरे चरण में 23 वार्डों में सीवर लाइन बिछाने के लिए भी खुदाई होगी। ऐसे में शहरवासियों को खुदाई की दोहरी मार न झेलना पड़े, इसके लिए नगर निगम ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अफसरों की मंशा है कि दोनों प्रोजेक्ट की खुदाई साथ-साथ शुरू हो जाए तो समय की भी बचत होगी। वहीं, सीवर लाइनों की टूट फूट से भी जनता को असुविधा नहीं होगी।

वहीं 300 करोड़ के सीवर प्रोजेक्ट की डीपीआर में शहर के सभी 47 वार्डों को कवर्ड किया गया था। लेकिन अटल अमृत योजना में सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 2 हिस्सों में बांट दिया। पहले फेज में स्टैंडर्ड इंफ्राटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 140.87 करोड़ की लागत से 24 वार्डों में 153 किमी खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई। 2016 दिसंबर में काम शुरू हुआ। इस दौरान पहले खुदाई कर सीवर लाइन बिछाकर चेंबर बनाए गए। दूसरी बार में फिर सड़कों को खोदकर कनेक्शन जोड़े गए। तकरीबन 14 हजार 500 कनेक्शन जोड़े जा चुके हैं, और काम अभी भी जारी है।

जानिए परेशानी से कैसे बच सकती है जनता

1. नगर निगम के 2 वार्डों में 150 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने के लिए दूसरे फेज में सड़कों की खुदाई हाेगी। 2. चंबल वाटर प्रोजेक्ट में भी 550 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई जानी प्रस्तावित है, इसके लिए भी शहर में सड़कें खोदी जाएंगी। 3. चंबल वाटर प्रोजेक्ट के साथ ही सीवर प्रोजेक्ट का दूसरे फेज के टेंडर हो जाएं, तो दोनों कामों के लिए सड़कें एक बार खोदनी पड़ेगी। 4. अगर एक साथ खुदाई होगी तो 23 वार्डों की जनता को दो-दो बार खुदाई से राहत मिलेगी। वहीं सीवर लाइनों की टूटफूट की परेशानी से भी लोग बच सकेंगे। जिससे अावागमन में सुविधा होगी।

प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में भी इतनी ही खुदाई होगी
सीवर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में निगम सीमा के 23 वार्ड शेष रह गए हैं, उनहें कवर्ड किया जाएगा। इसके लिए भी लगभग उतनी ही खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जितनी पहले चरण में मशक्कत हुई। हालांकि अभी दूसरे फेज के लिए बजट लाने मशक्कत करनी पड़ेगी।

पाइप लाइन बिछाने के साथ 11 टंकियां भी बनेंगी
208 करोड़ के चंबल वाटर प्रोजेक्ट में चंबल नदी से शहर तक पाइप लाइन बिछाने सहित शहर के अधिकांश इलाकों में बिछीं पुरानी पाइप लाइनों को भी बदलने का काम होगा, जिसके लिए सड़कें खुदेंगी। वहीं पानी स्टोरेज के लिए शहर में 11 नई टंकियों का निर्माण भी होगा। हालाकि अभी ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन को टेंडर मिला। भोपाल की टीम द्वारा ड्रॉइंग-डिजाइन तैयार करने सहित उसे स्वीकृत करने में अभी 4 महीने लग जाएंगे।

दोनों काम साथ हो तो हमारी लाइनें नहीं होंगी क्षतिग्रस्त
सीवर लाइन के दूसरे फेज में जो काम होना है, उसके लिए चंबल वाटर प्रोजेक्ट के साथ ही स्वीकृत कर दिया जाए। इससे जहां हम लाइनें बिछा चुके हैं, वहां अगर टूटफूट होती है सीवर कंपनी का सहयोग भी मिल जाएगा। वहीं जिन 23 वार्डों में नई लाइनें बिछेंगी, वहां कीजनता को दो-दो बार खुदाई की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
सुनील ठक्कर, प्रोजेक्ट मैनेजर सीवर कंपनी

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