थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही करें:रेत माफिया का आपराधिक रिकॉर्ड छिपाना महंगा पड़ा थाना प्रभारी को
- जनवरी 2021 में गिरफ्तार किया था रेत माफिया को
शहर के तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी को रेत माफिया का आपराधिक रिकॉर्ड छिपाना महंगा पड़ गया है। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को थाना प्रभारी के खिलाफ एक माह के अन्दर कार्यवाई करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट भी तलब की है। रामवीर गुर्जर रेत भरकर लाए थे। वह मुरैना में उसे बेचने के लिए खड़े थे। इसकी जानकारी तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी को लगी। उन्होंने तुरंत उसे पकड़ने की लिए टीम भेजी और पकड़वा लिया। मौके पर पुलिस ने रामवीर गुर्जर के अलावा अन्य लोगों को भी पकड़ा था। पुलिस ने उन सभी को 31 जनवरी 2021 को जेल भेज दिया। जब इस मामले की जांच हो गई तो रामवीर गुर्जर ने उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्ड पीठ में याचिका दायर की, कि उसे गलत गिरफ्तार किया गया था। उस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने इस मामले में कोतवाली थाना पुलिस को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब तलब किया था। इसके साथ ही रामवीर गुर्जर का आपराधिक रिकॉर्ड तलब किया था। कोतवाली थाना पुलिस ने उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी। कोतवाली थाना पुलिस द्वारा जब आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी गई तो, अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय ने रामवीर गुर्जर के खिलाफ दो केस चलने की जानकारी न्यायालय को दी। इसके साथ ही महाधिवक्ता कार्यालय ने न्यायालय को यह भी बताया कि उपरोक्त दोनों केसों में उसकी जमानत हो चुकी है। इस मामले में रामवीर गुर्जर का आपराधिक रिकॉर्ड छिपाने पर उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्ड पीठ ने पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को एक माह के अन्दर तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाई करने के आदेश जारी किए हैं।