ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति राशि में 10 करोड़ रु. का घोटाला, जिन पर जमीन नहीं उनके खाते में भी भेजी राशि, विस में प्रश्न लगा तो अफसरों ने सवा करोड़ वसूले
अधिकारियों से जांच की मांग
- पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर दूसरे जिले के अधिकारियों से जांच की मांग की
गोहद ब्लॉक में ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति राशि वितरण में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। राजस्व विभाग के अधिकारियाें-कर्मचारियों ने ऐसे किसानों के खातों में कई बार राशि भेजी है, जिनके नाम पर कोई जमीन ही नहीं है।
खास तो यह है कि जब इस संबंध में पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा में प्रश्न लगाया तो अफसरों ने बचने के लिए सवा करोड़ रुपए की राशि वापस सरकार के खाते में भी जमा करा दी। अब पूर्व मंत्री डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने उक्त घोटाले की जांच जिले के बाहर के अधिकारियों से कराने की मांग की है।
पूर्व मंत्री डॉ. सिंह ने बताया कि फरवरी 2020 में भिंड जिले की गोहद तहसील की करीब 18 ग्राम पंचायतों में ओलावृष्टि हुई थी, जिसकी क्षतिपूर्ति राशि 19 हजार 457 किसानों के खातों में भेजी गई। बताया जा रहा है कि भेजी गई राशि 25 करोड़ 34 लाख 75 हजार 333 रुपए थी। इस राशि के वितरण में बड़े स्तर पर अनियमितता हुई है। ऐसे कई गांव जहां ओलावृष्टि ही नहीं हुई थी, वहां के किसानों के खातों में भी पैसा भेजकर राशि का बंदरबांट किया गया। इसके अलावा कई नाबालिग और निजी कंपनियों में कार्यरत लोगों के खातों में भी पैसा भेजा गया।
2 उदाहरण से समझें किस तरह की गई गड़बड़ी
गोहद जनपद के ग्राम कीरतपुरा, माधौगढ़, छरेंटा करवास में पात्रों को कम दिया गया और अपात्रों को ज्यादा राशि दे दी गई। कनीपुरा गांव में ओलावृष्टि ही नहीं हुई थी, फिर भी इस गांव के किसानों के खातों में राशि भेजकर गड़बड़ी की गई।
खरौआ निवासी राय सिंह पुत्र मायाराम के खाते में 8 बार, ग्याप्रसाद पुत्र जगत सिंह के खाते में 12 बार, हरेंद्र सिंह के खाते मेें 11 बार, शिवचरण सिंह पुत्र जसवंत सिंह के खाते में 15 बार में लाखों रुपए की राशि भेजी गई है।
जब अफसरों ने की जांच तो फिर कैसे हुआ गलत भुगतान: डॉ. गोविंद सिंह
बुधवार को पूर्व मंत्री डॉ. सिंह ने अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि ओलावृष्टि के बाद एसडीएम गोहद तथा तहसीलदार द्वारा गठित जांच दल की रिपोर्ट के आधार तहसीलदार ने स्वयं सत्यापन कर राशि स्वीकृत कर भुगतान के आदेश दिए। इसके बावजूद जिन गांवों में ओलावृष्टि नहीं हुई, वहां के किसानों के खातों में पैसा कैसे भेजा गया। उन्होंने इस पूरे मामले की जिले के बाहर के अधिकारियों से जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस प्रदेश महासचिव खिजर मोहम्मद कुर्रेशी, महामंत्री देवभान सिंह भदौरिया, उपाध्यक्ष शिवनारायण दुबे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मान सिंह कुशवाह, शहर अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा, किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आशीष गुर्जर, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डॉ. राजकुमार देशलेहरा, सेवादल के जिलाध्यक्ष संदीप मिश्रा आदि शामिल हैं।
2 पटवारी किए निलंबित
पूर्व मंत्री डॉ. सिंह के अनुसार इस घोटाले की शिकायत जब ओला पीड़ित किसानों और जनप्रतिनिधियों ने तीन महीने पहले कलेक्टर, एसडीएम सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों से की तो जांच के बाद सिर्फ दो पटवारियों कुलदीप सिंह और निशांत खरे को निलंबित किया गया। अब मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जब इस मामले में विधानसभा में प्रश्न लगाया गया तो सवा करोड़ रुपए की वसूली कर ली गई। वहीं 75 लाख रुपए की राशि शासकीय कोष में चालान के माध्यम से जमा करा दी गई।
जांच के बाद दोषियों पर एफआईआर कराएंगे
ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति राशि में कुछ गड़बड़ी तो हुई है। हमने इसकी दोस्तरीय जांच कराई थी। प्रथम दृष्टया दो पटवारी दोषी पाए गए थे। कलेक्टर सर के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है और उनकी विभागीय जांच भी चल रही है। वहीं एक-एक किसान के खाते में 10 से 15 बार राशि भेजे जाने वाले बिंदु पर भी जांच चल रही है। जल्द ही इसमें दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। -शुभम शर्मा, एसडीएम, गोहद