सदन में नहीं थम रहा विपक्ष का हंगामा, संसदीय परम्पराओं का हो रहा अपमान
पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों सहित कई मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी है. हंगामे पर स्पीकर ने ‘सीरियल’ चेतावनी दे दी है.
नई दिल्ली: पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी सदन में हंगामा जारी रहा और फिर एक बार कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, उस पर स्पीकर ने भी नाराजगी जाहिर की है.
हंगामे से लोकसभा स्पीकर ने जताई नाराजगी
संसद में आज भी पेगासस मुद्दे को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है. सदन में विपक्ष के हंगामे से लोकसभा स्पीकर ने नाराजगी जताई है और कहा है कि सांसद संसदीय परम्पराओं का अपमान कर रहे हैं. वहीं हंगामे की वजह कई बिल पारित नहीं हुए हैं. मॉनसून सत्र में लोकसभा में पांच विधेयक पारित हो पाए हैं. वहीं राज्यसभा में भी लगभग 5 बिल पास हुए हैं.
हंगामे पर स्पीकर की ‘सीरियल’ चेतावनी
1- सांसद कर रहे हैं संसदीय परम्पराओं का अपमान
2- संसद में तख्तियां, नारेबाजी से कैसे होगी चर्चा
3- सांसद चर्चा और संवाद नहीं करना चाहते
4- प्रश्नकाल में किसानों से जुड़े विषयों पर चर्चा क्यों?
विपक्ष पर पीएम मोदी का निशाना
विपक्ष बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने इस मसले पर कहा कि संसद नहीं चलने देना जनता और लोकतंत्र का अपमान है. चर्चा की जगह हंगामा कर रहा है.
दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा. सदन में नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक चर्चा के लिए रखा
सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया. कुछ सदस्यों ने विधेयक पर मत विभाजन कराए जाने की मांग की. इस पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि वह मत विभाजन के लिए तैयार हैं लेकिन उसके लिए सदन में व्यवस्था होनी चाहिए. हालांकि इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा. विधेयक पारित होने के बाद कालिता ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
स्पीकर की कुर्सी के पास आकर हंगामा
इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी और वे आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे. उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया तथा कहा कि यह समय सदस्यों का है.