1971 के बाद नदियों का रौद्र रूप…:50 साल में अभी तक की सबसे बड़ी आफत

  • भितरवार में पार्वती और सिंध का रौद्र रूप देखकर दहशत में है लोग

ग्वालियर-चंबल में बीते 50 साल में अभी तक की यह सबसे बड़ी आपदा है। इससे पहले सन 1971 में इस तरह की बाढ़ आई थी। तब भी पार्वती और सिंध नदी में जल स्तर कई फीट ऊपर आ गया था। भितरवार में रहने वाली 98 साल की मथुरादेवी ने सन 1971 की बाढ़ देखी थी।

यहां बात दें कि भितरवार ग्वालियर का अहम हिस्सा है। यह पार्वती नदी के किनारे बसा है। भितरवार से 5 किलोमीटर दूर पवाया नामक गांव में धूमेश्वर धाम के पास पार्वती नदी और सिंध नदी का मिलन होता है। इसके बाद यह दोनों नदी एक होकर डबरा, दतिया के लिए आगे बढ़ती हैं।

बीते चार दिन में हरसी डैम से पार्वती नदी में कई लाख क्यूसेक पानी अचानक छोड़े जाने से नदी अचानक उफान पर आ गई। इसके साथ ककैटो से पेहसारी और वहां से सिंध नदी में पानी छोड़े जाने सिंध नदी भी उफन गई। ऐसे में यह दोनों नदी के किनारे बसे गांव, नगर में पानी ने भारी तबाही मचाई है। पार्वती नदी में अभी तक 4 लोगों की मौत की खबर है और 25 से ज्यादा लापता हैं। 1600 लोग अभी भी मदद की आस लगाए हुए हैं।

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