कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव काे आगे बढ़ाने की तैयारी:जहां 5 किमी पर दूसरी शराब दुकान नहीं, वहां अब उप दुकानें खुलेंगी
- मंदसौर में जहरीली शराब की घटना के बाद आबकारी मंत्री ने की बैठक
मप्र के जिन इलाकों या जिलों में अवैध शराब के केस बाकी जिलों से ज्यादा हैं या पांच किमी के अंतर पर दूसरी शराब की दुकान नहीं है या वो क्षेत्र जो दुकान विहीन हैं, उन जगहों पर उपदुकान खोलने पर विचार शुरू हो गया है। आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने इन बिंदुओं को लेकर हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक की।
मौजूदा दुकानों की संख्या बढ़ाने की बजाए, इन्हीं दुकानों को निश्चित लाइसेंस फीस लेकर उप दुकानें खोलने की स्वीकृति दी जा सकती है। आबकारी विभाग अब इस बारे में विस्तृत अध्ययन करके नई नीति को संशोधित करेगा। अभी मप्र में अवैध शराब का कारोबार कम से कम करीब एक हजार करोड़ के आसपास है।
जानकारी के अनुसार उपदुकानों को खोलने का प्रस्ताव कांग्रेस की पिछली कमलनाथ सरकार में लाया गया था, लेकिन यह टलता रहा। अब इसी प्रस्ताव पर एक बार फिर जाने की तैयारी है। बताया गया है कि आसपास के राज्यों से अवैध शराब का कारोबार होता है, क्योंकि वहां दुकानों की संख्या मप्र की तुलना में काफी ज्यादा है। उपदुकानों के साथ ही देशी शराब की कीमतें भी कम करने की कवायद शुरू हुई है। इस समय मप्र की शराब देश में सबसे महंगी है। यहां दस फीसदी वैट भी है।
11 साल से मध्यप्रदेश में नहीं बढ़ीं दुकानें
मप्र में शराब दुकानों की संख्या में आखिरी बार वृद्धि 2010-11 में हुई थी। इसके बाद 11 साल गुजर गए, दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। इस बीच कुछ दुकानों को जरूर नर्मदा के किनारे से शिफ्ट कर दिया गया। जबकि इसकी तुलना में राजस्व दस गुना तक बढ़ गया। वित्तीय वर्ष में इससे 9 से 10 हजार करोड़ राजस्व मिलने का अनुमान है।
आबकारी नीति इसी साल बदलनी थी
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बदलनी थी, लेकिन कोरोना को देखते हुए इसमें बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन यह साफ है कि नई नीति जल्द सामने आएगी, जिसके लिए कवायद शुरू हुई है। महुआ की हैरीटेज शराब के लिए ब्रांडेड शॉप भी नई नीति में शामिल होंगे।