जम्मू-कश्मीर में IS संस्थाओं को पैसे भेज रहा केरल का प्रो-आईएस मॉड्यूल, NIA ने किया खुलासा

एनआईए ने जिन जगहों पर तलाशी ली उनमें कांग्रेस के एक पूर्व विधायक का आवास भी शामिल है, जिनका 2009 में निधन हो गया था. एनआईए का आरोप है कि पूर्व विधायक का बेटा और बहू आईएसआईएस के सदस्य हैं.

केरल आईएसआईएल मॉड्यूल मामले (Kerala IS Module Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कर्नाटक और कश्मीर की कई जगहों पर छापेमारी के बाद कहा है कि केरल में एक इस्लामिक स्टेट समर्थक संगठन जम्मू-कश्मीर में आईएस संस्थाओं को पैसे भेज रहा था. उन्होंने कहा है कि बांदीपोरा के कुछ संदिग्ध ISIS के लिए फंड इकट्ठा कर रहे थे.

दरअसल क्रॉनिकल फाउंडेशन के नाम से एक इंस्टाग्राम चैनल है जिसके 5,000 फॉलोअर्स है. बताया जा रहा है कि इसके जरिए सशस्त्र जिहाद के लिए कई युवाओं को प्रभावित किया जाता है. वहीं एनआईए ने जिन जगहों पर तलाशी ली उनमें कांग्रेस के एक पूर्व विधायक का आवास भी शामिल है, जिनका 2009 में निधन हो गया था. एनआईए का आरोप है कि पूर्व विधायक का बेटा और बहू आईएसआईएस के सदस्य हैं.

इंस्टाग्राम चैनल को  किया था सब्सक्राइब

पूर्व विधायक के बेटे का रियल एस्टेट का बिजनेस है. एनआईए को उनपर शक तब हुआ जब उन्होंने देखा इंस्टाग्राम चैनल को सब्सक्राइब किया था. एनआईए ने मार्च में संदिग्ध मोहम्मद अमीन, मुशाद अनुवर और डॉ रहीस की गिरफ्तारी के बाद मामला दर्ज किया था. बुधवार की तलाशी उनसे पूछताछ और जब्त किए गए डिजिटल डेटा के पर आधारित थी.

पूछताछ के बाद कर्नाटक और कश्मीर के दो-दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने आरोप लगाया कि अमीन, जो केरल के मलप्पुरम का रहने वाला है, समूह का प्रमुख था और आईएसआईएस मीडिया नेटवर्क में सक्रिय था. वह अफगानिस्तान के खुरासान में आईएस के हेंडलर्स के संपर्क में था और उसकी दक्षिणपंथी समर्थकों और मीडिया संगठनों को निशाना बनाने की योजना थी.एनआईए ने आरोप लगाया है कि वह आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बना रहा था.

इंस्टाग्राम के जरिए ही क्यों किया जा रहा था युवाओं को प्रभावित?

वहीं इंस्टाग्राम ग्रुप एक साल से सक्रिय है लेकिन इस साल की शुरुआत में खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया. आईएस मॉड्यूल के ग्रुप ने इंस्टाग्राम के जरिए युवाओं को प्रभावित करने का विकल्प इसलिए चुन क्योंकि यह फेसबुक और यूट्यूब की तुलना में युवाओं में अधिक लोकप्रिय था. एनआईए ने आरोप लगाया कि संगठन के कुछ सदस्य टेलीग्राम चैनल भी चला रहे थे.

इससे पहले पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि बेंगलुरु से सुबह आए अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी. इदिनाब्बा के बेटे बी एम बाशा इस घर में अपने परिवार के साथ रहते हैं. सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई इस संदेह के आधार पर की गई कि परिवार के सीरिया स्थित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के साथ कथित संबंध हैं. 25 अधिकारियों का दल चार कारों में सवार होकर आज सुबह उल्लाल के मस्तिकत्ते पहुंचा. टीम को शहर की पुलिस सुरक्षा दे रही है. उनके मुताबिक ऐसा संदेह है कि बाशा की बेटी, जो कई वर्ष पहले केरल से लापता हो गई थी, आईएसआईएस में शामिल हो चुकी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *