टिकैत बोले MSP के नाम पर 150 करोड का घोटाला
प्रमाण दिए- रामपुर में जयाप्रदा के नर्सिंग कॉलेज की जमीन पर गेहूं की खेती दिखाई; प्रदेश में 5 लाख किसान फर्जी
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में MSP पर गेहूं और धान खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। रामपुर में भाजपा नेत्री जया प्रदा के नर्सिंग कॉलेज की जमीन को खेती में दिखाकर एक किसान के नाम पर गेहूं बेचना दर्शाया गया है।
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में ऐसे करीब 5 लाख फर्जी किसान हैं, जिनके नाम से MSP पर गेहूं-धान खरीद हुई है। जबकि वास्तविकता में इन किसानों की बताई गई जमीन पर सड़कें बनी हैं या बिल्डिंग खड़ी हैं। टिकैत ने फर्जी किसानों द्वारा MSP (न्यूनतम समर्थम मूल्य) पर अनाज बेचने में 1.5 अरब रुपए के घोटाले का दावा किया है। इस मामले में राकेश टिकैत ने सीबीआई जांच की मांग की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किए दस्तावेज
गाजीपुर बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर राकेश टिकैत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इससे जुड़े दस्तावेज भी पेश किए। टिकैत ने कहा कि 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया गया है, लेकिन खरीद केवल 2-3 फसलों की ही होती है। देश के 8 फीसदी किसानों को भी एमएसपी का लाभ नहीं मिल पा रहा। टिकैत ने कहा कि बिचौलिये, किसानों से सस्ती दरों पर फसल खरीदकर उसे एमएसपी पर बेचते हैं। टिकैत ने रामपुर जिले में फसल खरीद में हुई गड़बड़ी के कई उदाहरण भी दिए।
रामपुर जिले के प्रमुख मामले
- बिजपुरी संग्रामपुर निवासी कल्लू बटाईदार है। कल्लू के नाम पर 11 मई 2021 को 61 कुंतल गेहूं बेचा गया है। जिस जमीन पर गेहूं उगाना दिखाया है, वहां पूरी कॉलोनी बसी हुई है।
- किसान महबूब के नाम पर 124 कुंतल धान एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के आगापुर केंद्र पर बेचना दिखाया है। महबूब की खाता संख्या-35 है। इस खाता संख्या पर जया प्रदा का नर्सिंग कॉलेज होने का दावा किया गया है।
- रामपुर के रजपुरा टांडा में खाता संख्या-00101 पर रेशम विभाग की सरकारी जमीन है। इस जमीन पर करन सिंह को बटाईदार के तौर पर खेती करना दिखाकर 98 कुंतल गेहूं बेचना सरकारी दस्तावेजों में दिखाया है। जबकि इस जमीन पर दूसरे लोग काबिज हैं, जो करन सिंह को जानते तक नहीं।
- रजपुरा टांडा की खाता संख्या-21 पर लज्जावती के नाम पर 96 कुंतल गेहूं बेचना दिखाया गया है। इस जमीन पर गांव के लोग कई साल से जुताई-बुवाई कर रहे हैं जो लज्जावती को जानते ही नहीं हैं।
इन गांवों में भी गड़बड़ी का आरोप
रामपुर जिले के मोहम्मदपुर सुमाली, कूप शाहबाद, मसूरी में भी इस तरह की गड़बड़ियों के आरोप भारतीय किसान यूनियन ने लगाए हैं। यह भी आरोप है कि क्रय एजेंसियों द्वारा रामपुर में जो धान किसानों से एमएसपी पर खरीदना दिखाया है, वह इस इलाके में बोया ही नहीं जाता। उस धान की पैदावार उप्र के वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर के अलावा बिहार में होती है।
ऐसे खेल होने का दावा
- धान-गेहूं क्रय केंद्र बिचौलियों को दे दिए जाते हैं
- बिचौलिये अपने परिचितों-रिश्तेदारों का रजिस्ट्रेशन करते हैं।
- फर्जी किसानों (बटाईदारों) की बैंक पासबुक अपने पास रख लेते हैं।
- बिचौलिये उसके दस्तावेजों का सत्यापन तहसील से करा लेते हैं।
- किसान से सस्ते दाम पर फसल खरीदकर उसको MSP पर क्रय केंद्र को बेचते हैं।
- किसान को एक-दो हजार का लालच देकर बैंक कर्मियों से साठगांठ करके उसके खाते से पैसा निकाल लेते हैं।
- ये वही किसान होते हैं, जिनका गेहूं 1500 के भाव में खरीदकर एजेंसियों को 1975 के भाव बेचा जाता है।
क्रय केंद्र पर धान-गेहूं बिक्री का नियम
- किसान खुद अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराएं।
- उसी मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (OTP) आएगा।
- केंद्र प्रभारी रसीद, खतौनी और आधार कार्ड देखेगा।
- एडीएम सत्यापित करेंगे, तब गेहूं तौल होगी और पेमेंट खाते में जाएगा।