Rajasthan: अलवर में पुलिसवाले झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे इलाज! DSP से थानेदार तक की फोटो दिखाकर कर इलाज का दावा, खतरे में मरीजों की जान
ये मामला अलवर जिले का है. जहां एक झोलाछाप डॉक्टर सतपाल ग्राहक को प्रभावित करने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों का इलाज करने का सबूत पेश कर देता है. वहीं, उसका कहना है कि अलवर के दो डीएसपी और दो थानेदार उससे इलाज करा चुके हैं. जिसके सबूत के रूप में झोलाछाप डॉक्टर के पास पुलिस अधिकारियों के साथ खिंचवाए फोटो और लिखित में प्रमाण पत्र तक है.
राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) जिले में एक झोलाछाप से दो डीएसपी और दो थानेदार उससे इलाज करा चुके हैं. इतना ही नहीं प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन पुलिस अफसरों का इलाज कर चुके हैं। जिसके सबूत के रूप में झोलाछाप डॉक्टर के पास पुलिस अधिकारियों के साथ खिंचवाए फोटो और लिखित में प्रमाण पत्र तक है. झोलाछाप डॉक्टर सतपाल ग्राहक को प्रभावित करने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों का इलाज करने का सबूत पेश कर देता है. उसकी कमाई में यह एलबम खूब काम आता है.
इन दिनों अलवर के टेल्को चौराहे पर दुकान लगाने वाले झोलाछाप सतपाल का दावा है कि उनके पास 90 प्रतिशत लोग शक्तिवर्धक दवा लेने वाले आते हैं. पेट, डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारी का इलाज भी करते हैं. इस मामले दैनिक भास्कर की खबरों के मुताबिक झोलाछाप डॉक्टर सतपाल ने बताया कि अलवर में रामगढ़ के डीएसपी ओमप्रकाश मीणा, नीमराणा के डीएसपी महावीर सिंह शेखावत, सदर थाना प्रभारी महेश शर्मा और शिवाजीपार्क के पुलिस अफसर को दवा दे चुके हैं. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने साफ तौर पर मना कर दिया है. ऐसी कोई दवा नहीं ली है.
अलवर के बाहर के जिले के हैं ये अधिकारी
इस दौरान प्रतापगढ़ में 2016 में सीआई रहे मांगी लाल विश्नोई, 2018 में सोजत सिटी के थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह हो या 2018 में आबूरोड सदर थाना प्रभारी जैसे करीब 1 दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी झोलाछाप से इलाज करा रहे हैं. झोलाछाप ने कहा कि पेट का इलाज लिखकर देते हैं, लेकिन असल में गुप्त रोगों का इलाज कराने वाले ज्यादा हैं. डीएसपी ओमप्रकाश मीणा ने कहा कि उनके सतपाल नाम का व्यक्ति उनके ऑफिस में आया था. कोरोना में शरीर काफी कमजोर हो गया था. वह खुद ही ऑफिस आया था. उसने कहा कि बीमारी से हुई कमजोरी को दूरी करने की आयुर्वेद दवा देता हूं. लेकिन मैंने उसकी दवा भी नहीं ली.
झोलाछाप के पास नहीं हैं कोई मेडिकल डिग्री
झोलाछाप सतपाल अपने आप को मध्य प्रदेश का निवासी बताता है. उसने कहा कि वह हर साल आते हैं. देसी दवा देने का दावा करता है. ग्राहक आने के बाद उसे अच्छे से प्रभावित करता हूं. यदि जरूरत पड़ती है तो उसे पुलिस के अधिकारियों के इलाज करने का सबूत देता है. इसके बाद लोग विश्वास कर लेते हैं और दवा ले जाते हैं. सतपाल ने बताया कि उसके पास मेडिकल कोई डिग्री नहीं है. वे तो खानदानी दवा देते आए हैं.
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ होगी जांच
इस मामले में सीएमएचओ डॉ ओपी मीणा ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अलवर में लगातार कार्रवाई की जा रही है. इनकी पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधिकारियों के फोटो और जानकारी काम लेने का मामला गंभीर है. इसकी भी जांच-पड़ताल करें