बाढ़ में तबाह हो चुके गांव से ग्राउंड रिपोर्ट:भिंड में सिंध की बाढ़ से उजड़ चुका इंदुर्खी, पुल बहने से 40 गांवों का रास्ता भी बंद; अब सरकार से उम्मीद, आज पहुंचेंगे सीएम
भिंड में सिंध की बाढ़ से हुई तबाही के पंद्रह दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गांव आ रहे हैं। सीएम चौहान के आगमन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशासनिक अफसरों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को इंदुर्खी गांव आने की तैयारी पूरी कर ली हैं। यहां सीएम बाढ़ पीड़ितों से मिलेंगे। प्रशासनिक अफसर, गांव के हालात सामान्य दिखाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। गांव की साफ सफाई से लेकर रोड को सुधारा जा रहा है। सीएम हेलिकॉप्टर से आएंगे। इसके लिए हेलिपैड 7 किलोमीटर दूर गौरई पर तैयार किया जा चुका है।
नदी का पुल धराशाही
इस गांव में 3 अगस्त से बाढ़ का पानी आना शुरू हो गया था। 4 अगस्त को सभी को गांव छोड़ना पड़ा था। सबसे पहले दैनिक भास्कर की टीम इस गांव में पहुंची थी, जिसने यहां के बदलते हालात की पल-पल खबर दी थी। एक बार फिर भास्कर टीम इसी गांव में है। पानी उतरने के बाद इस नदी पर बने पुल के चार पिलर टूटे दिखाई रहे हैं। पुल का ऊपर हिस्सा नदी में टूट कर गिर गया है। पुल की एप्रोच रोड दोनों छोर से 1-1KM दूर तक बह गई है। पुल का निर्माण 2018 हुआ था। पुल निर्माण की शिला अभी भी सलामत है, लेकिन बाकी हिस्सा बह गया है। पुल बहने से इंदुर्खी, अड़ोखर आमायन समेत करीब 40 गांव का रास्ता बंद है। बाढ़ में बहे इस पुल को सीएम देखने आएंगे या नहीं, प्रशासन अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इस कारण सीएम के दौरे को लेकर संशय की स्थिति है।
कच्चे मकान बह गए, पक्के घर रहने लायक नहीं बचे
आपको लेकर चलते इंदर्खी गांव। यहां बाढ़ में कच्चे मकान बह गए। पक्के मकानों में दरारें आ चुकी हैं। कुछ लोगों ने पानी उतरने के 15 दिन बाद अपने घरों से मलबा साफ कर उसे रहने लायक बना लिया है। वहीं कुछ लोग आज भी सरकारी स्कूल में रहने को मजबूर हैं। यह वे लोग हैं, जो बाढ़ में सब कुछ गंवा चुके हैं। यहां करीब साढ़े सात सौ मकान हैं, जिनमें ढाई सौ से ज्यादा मकान पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा चार सौ मकानों में दरार आई है। यहां के कई परिवार दूसरी जगह पहुंच रहे हैं।
बाढ़ में मकान ढहने से मां-बेटा घायल, इलाज के लिए पैसे नहीं
- इस गांव में अल्पसंख्यक समाज के एक परिवार पर बाढ़ कहर बनकर टूटी है। शाहरुख खान और उनकी मां लाली का कहना है कि बाढ़ में मकान गिरा और उसके मलबे में मेरा पैर दबकर टूट गया। शाहरुख का कहना है कि ग्वालियर जाकर ऑपरेशन कराकर लौट आए हैं। इसके बाद भी पैर में सूजन है। चलने फिरने की स्थिति नहीं है। वहीं लाली बताती हैं कि तीन जगह से पैर फ्रैक्चर हुआ है। बड़े डॉक्टर कहते हैं कि इसे ठीक करने में छह लाख रुपए खर्च होंगे।
- गांव की रेखा कहना है कि बाढ़ सब नष्ट हो गया। बाढ़ से बचने के लिए बच्चों को लेकर भागना पड़ा था।अब तक शासन से आटा मिला है। स्कूल में रहने को मजबूर हैं।
- गांव के संतोष धारी का कहना है कि शासन द्वारा जो आटा मिला है वो ही एक मात्र सहारा है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है। गांव पूरी तरह से उजड़ चुका है।
- बाढ़ के कारण सब कुछ नष्ट होने के बाद सुनीता भी अपने परिवार के साथ सरकारी स्कूल में रह रही है। 4 अगस्त को बाढ़ से बचकर सुनीता, गांव से दूर भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंची थी। जब दैनिक भास्कर टीम ने उस दिन बातचीत की थी तब उन्होंने डबडबाती आंखों से पूरी व्यथा बताई थी। आज भी वो उस दिन तबाही के मंजर को बताती हैं।
सीएम के प्रोग्राम का इंतजार
अब प्रशासनिक अफसरों ने सीएम के आगमन को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। हेलिपैड भी तैयार हो चुका है। गुरुवार की देर रात तक सीएम के आगमन को लेकर कोई प्रोग्राम जिले के अफसरों को प्राप्त नहीं हुआ है। अफसरों का मानना है जल्द ही सीएम चौहान भिंड आएंगे।