शराब कांड के पीड़ित परिवार को नहीं मिला मुआवजा:विधानसभा में फिर उठा जहरीली शराब कांड का मुद्दा, शराब कांड में मरे 83 लोगों में से 47 मृतक के परिवारों को नहीं मिला ढाई साल में मुआवजा
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 9 फरवरी माह 2019 में जहरीली शराब कांड में मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा न दिए जाने का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। सहारनपुर के सपा नगर विधायक संजय गर्ग और देहात कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने बचे हुए 47 मृतकों के परिवारों को मुआवजा न दिए जाने की मांग को लेकर सवाल उठाए है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 83 लोगों में से 36 मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा तत्काल प्रभाव से दे दिया गया था। लेकिन 3 मार्च 2021 को बचे हुए 47 परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया है।
बिसरा रिपोर्ट में हुई थी पुष्टि
सहारनपुर में फरवरी माह 2019 में जहरीली शराब कांड में 83 लोगों की मौत हो गई थी। प्रशासन ने 83 मृतकों का बिसरा गाजियाबाद प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा था। जिसमें सभी की पुष्टि जहरीली शराब से होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन शासन ने बिसरा रिपोर्ट आने के बाद 47 मृतक आश्रितों को मुआवजा देने से मना करने पर कांग्रेस और सपा विधायक ने भाजपा सरकार को सदन में घेरने का काम किया है।
डीएम ने छह बार भेजा अनुस्मारक
तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने शराब कांड के 47 आश्रितों को मुआवजा देने के लिए छह बार शासन को अनुस्मारक भेजा था। विधायक संजय गर्ग ने सरकार की व्यवस्था पर चोट करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार मृतक आश्रितों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। यह भ्रष्ट व्यवस्था ही है, जो आधे लोगों को मुआवजा दिया गया है।
दो-दो लाख मुआवजा दिलाने की मांग
सपा नगर विधायक संजय गर्ग ने 18 अगस्त को सदन में 47 मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की थी। विधायक संजय गर्ग के सवाल पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि 36 मृतकों व 10 घायलों के परिजनों को 77 लाख रुपये मुआवजा दिया जा चुका है। हालांकि बचे हुए 47 परिवारों पर चुप्पी साध ली।
ढाई साल बीत गए
सहारनपुर देहात से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने भी शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्न पहर में सवाल उठाया कि शासन की ओर से अभी शराब कांड में मरे 47 परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ढाई साल बीत चुके हैं। ऐसे में सरकार की कथनी और करनी में फर्क नजर आ रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द मरने वाले परिवार वालों को मुआवजा दिलाने की मांग की।
यह था मामला
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से सटे देवबंद, नागल और गागलहेड़ी थाना क्षेत्र के कई गांव में जहरीली शराब ने मौत का तांडव मचाया था। जिसके बाद यह मामला पूरे भारत में सुर्खियों में आ गया था। पुलिस ने जहरीली शराब कांड के 25 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार किया था। हालांकि अवैध शराब पर जिले में अभी भी रोक नहीं लग सकी है।
25 पर लगी थी गैंगस्टर
गागलहेड़ी पुलिस ने 25 लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। जिनमें इंद्रपाल सैनी गढ़ी ताजपुर, गुरुसाहब उर्फ लाड्डी, सर्वेश उर्फ पिंकी गुप्ता, लखविंदर चुन्हैटी शेख, टिंकू, भरतू पुंडेन, सुनील उर्फ सुभाष तल्हेड़ी, सरदार हरदेव सिंह पुंडेन, सरदार सुखविंद्र सिंह उर्फ सुक्खा, ऋषिपाल चुन्हेटी शेख, अर्जुन भगवानपुर, सुबोध, रचना, अनीता, बिरजो कोलकी कलां, सुशील सैनी मेघराजपुर, सोनू बालूपुर झबरेड़ा, फकीरा बालूपुर, मनोज गांधीनगर गंगनहर, हरिद्वार, अमित गुप्ता दिल्ली, सचिन गुप्ता रुड़की, विपिन रुड़की, मुकेश बहेड़ी गुर्जर, गजराज बालूपुर, विपिन उर्फ मंगलू बालूपुर झबरेड़ा शामिल हैं।