केशव के फर्जी डिग्री मामले की सुनवाई अब 1 को:एसीजेएम नम्रता सिंह ने प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए इंस्पेक्टर कैंट को और समय दिया

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फर्जी डिग्री मामले की सुनवाई अब एक सितंबर को होगी। न्यायालय ने प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए इंस्पेक्टर कैंट को एक सितंबर तक का समय दे दिया है।

कैंट थाने की ओर से कोर्ट में अर्जी देकर जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग की गई। अर्जी में कहा गया कि अन्य मामलों में अधिक व्यस्तता होने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी है। लिहाजा जांच पूरी करने के लिए और समय दिया जाए।

इसपर एसीजेएम नम्रता सिंह ने प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए इंस्पेक्टर कैंट को एक सितंबर तक की मोहलत दे दी। साथ ही यह भी कहा कि केशव मौर्य के उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की डिग्री जो हिन्दी साहित्य सम्मेलन से प्राप्त है व हाईस्कूल का सर्टिफिकेट जिस पर पेट्रोल पंप हासिल करने का आरोप है की जांच कर रिपोर्ट दें। अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।

एफआईआर दर्ज करने और जांच के लिए दाखिल की अर्जी

आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह की अदालत में अर्जी दी है। यह अर्जी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत दायर हुई है। कोर्ट ने दिवाकर नाथ त्रिपाठी के अधिवक्ता उमाशंकर चतुर्वेदी को सुनकर आदेश सुरक्षित कर लिया। अब फैसला 11 अगस्त को होगा।

फर्जी है हिंदी साहित्य सम्मेलन की डिग्री

आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर ने कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा है कि वर्ष 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसके बाद कई बार चुनाव लड़े। उन्होंने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा जारी प्रथम, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई है, जोकि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। इन्हीं डिग्रियों के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑयल कारपोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है।

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