‘फर्क साफ है’ को लेकर अब सपा का हमला….. समाजवादी पार्टी ने फरार पूर्व सांसद धनंजय का जारी किया वीडियो

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से फर्क साफ है का पोस्टर लगातार जारी कर सपा पर हमला किया जा रहा है। पोस्टरों के माध्यम से बताया जाता है कि 2012 से 2017 तक सपा सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर अन्य चीजों का पुरसा हाल नहीं था। वहीं, 2017 में जब उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार बनी तो हालात किस तरह से बदल गए और सब कुछ अच्छा हो गया। BJP के फर्क साफ है स्लोगन को लेकर अब समाजवादी पार्टी ने उस पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह के बहाने हमला बोला है।

20 सेकेंड के वीडियो में धनंजय खेल रहा क्रिकेट

जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लखनऊ के अजीत सिंह हत्याकांड में 25 हजार का इनाम घोषित है और पुलिस के अनुसार वह फरार है। इसके बावजूद धनंजय अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर दिखाई दे जाता है। समाजवादी पार्टी के अधिकृत ट्विटर हैंडल से बुधवार की सुबह धनंजय का क्रिकेट खेलते हुए 20 सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट किया गया। साथ ही लिखा गया कि फर्क साफ है…।

मुख्यमंत्री से जुड़े माफिया ‘खेल’ रहे क्रिकेट…। 25000 के इनामी माफिया धनंजय सिंह सत्ता के संरक्षण में पुलिस की नाक के नीचे ले रहे खुले आसमान के नीचे खेल का मजा…। “डबल इंजन” सरकार के बुलडोजर को नहीं मालूम इनका पता…। जनता सब देख रही, बाईस में भाजपा साफ…।

मार्च 2021 में धनजंय पर घोषित हुआ था इनाम

लखनऊ के कठौता चौराहा के समीप 4 जनवरी 2021 को मऊ जिले के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की गई थी। फरवरी 2021 में धनंजय को अजीत की हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था। मार्च 2021 में धनंजय पर लखनऊ कमिश्नरेट की पुलिस की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उसके बाद से आज तक धनंजय को लखनऊ की पुलिस नहीं खोज सकी। लेकिन, धनंजय सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर नजर आ जाता है और पुलिस कुछ कर नहीं पाती है।

हाईस्कूल में लग गया था हत्या का आरोप
धनंजय सिंह ने 1990 में हाईस्कूल की पढ़ाई लखनऊ के महर्षि विद्या मंदिर से की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, इसी दौरान पहली बार उन पर एक पूर्व शिक्षक गोविंद उनियाल की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, इस मामले में पुलिस कुछ भी साबित नहीं कर पाई। जब यह मामला चल रहा था, तब धनंजय जौनपुर के तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज में पढ़ रहे थे। वहीं से उनका राजनीति में आने का सफर शुरू हो गया था।
पत्नी पर लगा था नौकरानी की हत्या का आरोप
साल 2012 से धनंजय सिंह का राजनीतिक करियर का ग्राफ गिर रहा था। उनकी पत्नी जागृति सिंह पर नौकरानी की हत्या का आरोप लगा। इस मामले में धनंजय सिंह और उनकी पत्नी को जेल जाना पड़ा। इसके बाद साल 2012 में ही जागृति ने मल्हनी से विधायकी का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। इसके बाद फिर धनंजय सिंह कभी विधायक नहीं बन पाए। आखिरी बार उन्होंने साल 2020 उपचुनाव में पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव के खिलाफ खड़े हुए। दोनों में कांटे की टक्कर थी, लेकिन धनंजय को एक बार फिर हार हाथ लगी।

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