UP Assembly Election 2022: मिश्रिख सीट को दोबारा जीतना भाजपा की चुनौती, सपा-बसपा भी लड़ेंगे नंबर वन की लड़ाई

सीतापुर जिले की नौ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा का कब्जा है. इसमें मिश्रिख सीट पर भी भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

उत्तर प्रदेश 2022 के चुनाव में विपक्षी पार्टियां अपना जनाधार वापस पाने और सियासी भविष्य बचाने उतरेंगी. 2017 में चला मोदी लहर में सियासत के बड़े-बड़े दिग्गजों के किले ढह गए. सीतापुर जिले की मिश्रिख विधानसभा (Misrikh Assembly) में भी भाजपा ने बाजी मारी और 1993 से काबिज रही समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान पर सिमट गई. यहां बसपा के मनीष रावत भाजपा के राम कृष्ण भार्गव से 20672 वोटों से हार गए. इस चुनाव में सपा के मंत्री रामपाल राजवंशी लड़े थे. वहीं 2012 में सपा के रामपाल राजबंशी ने बसपा के मनीष रावत को मात्र 1522 वोट से हराया था. इस सीट पर 1996 से अब तक बसपा नंबर दो पर रही.

सीतापुर जिले की मिश्रिख विधानसभा सीट (Misrikh Assembly) राजनीतिक लिहाज से पहली बार 1952 में वजूद में आई, तब से लेकर 2007 यह सीट अनारक्षित रही है. वहीं 2012 में इस सीट को सुरक्षित कर दिया गया. भाजपा के लिहाज से यह सीट कभी भी आसान नहीं रही है. लेकिन 2017 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सहारे में भाजपा के राम कृष्ण भार्गव यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. 1952 के पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस के गंगाधर शर्मा और दल्ला राम ने बाजी मारी. वहीं 1957 में निर्दल प्रत्याशी मूलचंद और अवधेश कुमार यहां से विधायक बने थे. उस वक्त इस विधानसभा में दो निर्वाचन क्षेत्र हुआ करते थे. 1962 के चुनाव में एसओसी से अवधेश कुमार फिर विधायक बने. वहीं 1967 में आर. बहादुर ने जीत दर्ज की और कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा किया. 1969 के चुनाव में अवधेश कुमार एसएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते.

1974 से 91 तक कांग्रेस का दबदबा

वहीं 1974 के बढ़े जनाधार ने कांग्रेस को इस (Misrikh Assembly) सीट पर फिर काबिज किया और रामरतन सिंह 1985 तक विधायक रहे. 1989 में निर्दल प्रत्याशी ओम प्रकाश गुप्ता ने जीत दर्ज की. 1991 में कांग्रेस के रामरतन सिंह यहां से जीतकर विधायक बने.

1996 से बढ़ा सपा का वर्चस्व

1991 के बाद कांग्रेस का जनाधार घटा तो सपा पर जनता का भरोसा बढ़ा. इस कारण 1993 में सपा ने पहली बार यहां जीत दर्ज की और ओमप्रकाश गुप्ता विधायक बने. इसके बाद 1996 और 2002 में सपा के टिकट पर ओमप्रकाश गुप्ता लगातार तीसरी बार विधायक बने. 2007 के चुनाव में भी सपा का दबदबा इस सीट पर कायम रहा और अनूप कुमार विधायक बने. 2012 में सपा ने रामपाल राजबंशी को मैदान में उतारा औऱ जीत पांचवी बार फिर जीत दर्ज की. 2017 में मोदी लहर में सपा का यह दुर्ग ढह गया और राम कृष्ण भार्गव यहां से विधायक चुने गए.

1996 से नंबर दो पर बसपा

मिश्रिख विधानसभा (Misrikh Assembly) पर 1996 से बसपा अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दे रही है. इस सीट पर कांग्रेस को बसपा ने नम्बर दो से भी पीछे ढकेल दिया. यहां बसपा ने अभी तक कोई चुनाव तो नहीं जीता लेकिन लगातार नंबर दो पर बनी हुई है.

2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान  प्रत्याशी               पार्टी        वोट        वोट (%)

1      रामकृष्ण भार्गव     भाजपा    86403    39.33

2      मनीष रावत           बसपा     65731     29.92

3      रामपाल                  सपा       61231     27.88

जीत का अंतर– 20672

2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान  प्रत्याशी                पार्टी        वोट         वोट (%)

1      रामपाल राजबंशी      सपा       61346      32.76

2      मनीष रावत            बसपा      59824     31.95

3      रामकृष्णा               कांग्रेस     34040     18.18

4      आशीष कुमार         भाजपा    17347        9.27

जीत का अंतर– 1522

कुल मतदाता (2012 के अनुसार) – 279302

महिला – 123481

पुरुष – 155821

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