भारत-रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे: पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और हाल ही में कोविड-19 महामारी के दौरान हमारे मजबूत सहयोग, जो टीकों के क्षेत्र में भी शामिल है, उनमें देखा गया है।
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि ऊर्जा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक और प्रमुख स्तंभ है। व्लादिवोस्तोक में छठे पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) शिखर सम्मेलन के दौरान अपने आभासी संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय इतिहास और सभ्यता में “संगम” शब्द का एक विशेष अर्थ है। इसका अर्थ है संगम, या नदियों, लोगों या विचारों का एक साथ आना। मेरे विचार में, व्लादिवोस्तोक वास्तव में यूरेशिया और प्रशांत का संगम है।
संबोधन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मौजूद थे। पीएम मोदी 2019 में ईईएफ में मुख्य अतिथि थे और उन्होंने अपने संबोधन में देश की अपनी अंतिम यात्रा का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “2019 में, जब मैं फोरम में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था, तो मैंने एक्ट फ़ार ईस्ट नीति के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा की थी। यह नीति रूस के साथ हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”