शिक्षक दिवस:कोरोना काल में सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हुई, सामान्य होते ही शिक्षकों की मांगें होंगी पूरी: डॉ. भदौरिया

कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से डीजल, पेट्रोल नहीं बिका। लोग सड़कों पर निकले नहीं तो टोल बंद रहा। टैक्स न मिलने की वजह से सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हुई।

बावजूद इसके सरकार ने अधिकारी- कर्मचारियों का वेतन एक भी दिन लेट नहीं किया। लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूं जैसे ही स्थिति सामान्य होगी। वैसे ही आप सभी की मांगे पूरी की जाएगी। मैं खुद आप सभी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास लेकर चलूंगा। यह बात उन्होंने रविवार की दोपहर संस्कृति गार्डन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर मुख्यअतिथि कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद डॉ रामलखन सिंह ने की। इस मौके पर कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी एचएस तोमर सहित सेवानिवृत्त प्राचार्य भी मंचासीन थे।

शिक्षक दिवस के मौके पर भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक शिक्षकों को अतिथियों द्वारा शॉल, श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जवासा स्कूल के प्राचार्य टीकम सिंह ने पुरानी पेंशन बहाली सहित कुछ समस्याएं मंत्री के सामने रखी थी, जिस पर मंत्री डॉ भदौरिया ने जवाब दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि ज्ञान आधारित समाज की स्थापना करने की ताकत सिर्फ शिक्षक में हैं। कार्यक्रम का संचालन एडीपीसी सत्यभान सिंह, मंजुला सिंह ने किया।

विधायक संजीव सिंह बोले- भिंड को बदनाम किया गया, यहां डकैत नहीं वीर पैदा होते हैं
विधायक संजीव सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 में एक सितंबर को अचानक उनके मन में शिक्षकों के सम्मान का कार्यक्रम करने का विचार आया। मात्र चार दिन की तैयारी में पहली बार व्यापार मंडल धर्मशाला में कार्यक्रम किया। इस कार्यक्रम को शिक्षकों ने काफी सराहा। इसके बाद से उनका यह चौथा कार्यक्रम हैं। हालांकि पिछली बार कोविड के चलते उन्होंने वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया था। विधायक ने कहा कि शिक्षक कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, उसकी गोद में निर्माण और प्रलय दोनों पलते हैं। वह चाहे तो राष्ट्र का निर्माण कर दे और चाहे तो प्रलय ला दे। उन्होंने भिंड को लेकर कहा कि षड्यंत्र पूर्वक जिले को डकैतों के नाम से बदनाम किया गया है। भिंड में कभी डकैत नहीं हुए। पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के डकैतों ने भिंड में शरण ली। भिंड में तो वीर पैदा हुए। आज भी भिंड के 10 हजार सैनिक सीमा पर डटे हैं। भिंड की यह पहचान सिर्फ शिक्षक बदल सकते हैं।

कलेक्टर ने कहा- मेरी मां भी शिक्षिका थीं
इस दौरान कलेक्टर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी मां भी शिक्षिका थी। लोकतंत्र में चुनाव और जनगणना जैसे दो कार्य में शिक्षक लगाए जाते हैं। मैंने भी अपनी मां के साथ जनगणना और चुनाव का कार्य किया है। शिक्षक का राष्ट्र निर्माण और समाज निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए छह से 11 सितंबर तक के विशेष अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन कराने के लिए जागरूक करें।

लगे ठहाके- विधायक बोले- पिता मेरे गुरु, पिता बोले- परफेक्ट बनो
कार्यक्रम को विधायक संजीव सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पिता मेरे गुरु हैं, लेकिन वे मानते नहीं है। इस पर पिता पूर्व सांसद डॉ रामलखन सिंह ने जवाब देते हुए एक संगीतकार की कहानी सुनाते हुए कहा कि पहले तुम परफेक्ट तो बनो। दरअसल पूर्व सांसद डॉ सिंह का मजाक में कहने का आशय यह था कि यह गुरु तो मानते हैं, लेकिन बात नहीं मानते हैं। दोनों के बीच हुई बातचीत से पूरा पंडाल में ठहाके गूंज उठे। कार्यक्रम के अंत में सबसे पहले राष्ट्रपति और राज्यपाल से पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का सम्मान किया गया। इसके बाद दीपिका कुशवाह, अंजली जैन, शंभूदयाल, कमल सिंह भदौरिया, सुघर सिंह भदौरिया, श्याम सिंह सहित सभी शिक्षकों का सम्मान किया।

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