नो फूड वेस्ट अभियान:अब भोजन की बर्बादी को रोकेंगे, होटल-रेस्टोरेंट व समारोह के बचे खाने को जरूरतमंद तक पहुंचाएंगे, एनजीओ के माध्यम से होगा कलेक्शन
होटल व रेस्टोरेंट में खाने की गुणवत्ता की पहल के बाद अब उज्जैन में खाने के वेस्टेज को रोका जाएगा। नो फूड वेस्ट अभियान के तहत बचे हुए भोजन को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाएगा। होटल व रेस्टोरेंट तथा विवाह तथा पार्टियों में बचने वाले खाने को एनजीओ या एजेंसी के माध्यम से इकट्ठा करवाकर बांटा जाएगा। अभियान की थीम सेव फूड शेयर फूड शेयर जॉय पर होगी।
शहर में बड़ी मात्रा में हर रोज खाने की बर्बादी हो जाती है और दूसरी तरफ कई लोगों को खाना नहीं मिल पाता है। इसके बीच की कड़ी को जोड़कर खाने का सही उपयोग किया जा सकेगा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन एनजीओ या एजेंसी का नंबर भी जारी करेगा ताकि लोग उस पर फोन लगाकर खाना मंगवा सकें। फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट-2021 के अनुसार 61 प्रतिशत तक खाना घरों में, 26 प्रतिशत खाना फूड सर्विसेज से और 13 प्रतिशत खाना खुदरा विक्रेताओं से होता है।
यही खाना जरूरतमंदों तक पहुंचे तो कोई भूखा नहीं रहे। नो फूड वेस्ट को लेकर फूड सेफ्टी अधिकारी जल्द ही होटल व रेस्टोरेंट संचालकों तथा कैटरिंग संचालकों के साथ बैठक करेंगे। वरिष्ठ फूड सेफ्टी अधिकारी बसंत दत्त शर्मा ने बताया नो फूड वेस्ट अभियान में खाने की बर्बादी को रोकना है। लोग खाने को सेव करें, उसे जरूरतमंद पहुंचाकर खुशियां बांटे।
एक तरफ बर्बाद हो रहा तो दूसरी तरफ खाना नहीं मिल रहा
आयोजकों को भी जागरूक किया जाएगा कि वे खाने की बर्बादी रोकें। उन्हें संदेश दिया जाएगा कि एक तरफ तो लोगों को खाना नहीं मिल पाता है और दूसरी तरफ खाने की बर्बादी हो जाती है। पार्टियों में बचने वाले भोजन को एनजीओ के माध्यम से कलेक्ट करवाया जाएगा, जिसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा। आयोजक खुद भी अभियान से जुड़कर लोगों तक खाना पहुंचा सकते हैं। खाने की बर्बादी रोके जाने से जहां जरूरतमंद लोगों को खाना मिल सकेगा वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचेगा।
इसके लिए नया अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत एजीओ की मदद से आयोजनों, भोजनशालाओं तथा होटलों आदि से भोजन एकत्र कराएंगे। स्वच्छ भोजन गरीबों और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाएगी। लोगों को भी प्रेरित करेंगे कि वे भोजन को वेस्ट करने की बजाय जररूतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए आगे आए