यूपी के दो IPS को अमेरिका में मिलेगा IACP अवार्ड, 165 देशों के 40 पुलिस अफसरों में इंडिया से 6 नाम शामिल
प्रदेश का नाम रोशन करेंगे यह अधिकारी…..
कानून व्यवस्था और कम्युनिटी पुलिसिंग में सराहनीय काम करने वाले इंडिया के 6 आईपीएस अफसरों ने यूपी के दो अधिकारियों को अमेरिका के प्रतिष्ठित इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ चीफ ऑफ पुलिस (IACP) अवार्ड के लिए चुना गया है। इसमे एक अधिकारी यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं और दूसरे यूपी कैडर के हैं और लंबे समय तक लखनऊ में तैनात रहे हैं।
IACP अवार्ड के लिए चयनित IPS में पहला नाम गाजीपुर के रहने वाले संतोष सिंह का है। संतोष सिंह 2011 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के IPS हैं। वह मौजूदा समय मे छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के एसपी हैं। उन्हें यह अवार्ड बेहतर पुलिसिंग के लिए दिया जा रहा है। चयनित अफसरों को यह अवार्ड अक्टूबर 2022 में दिया जाएगा।
सतोष सिंह को इसलिए मिलेगा यह अवार्ड
-2014 से 2016 तक नक्सल प्रभावित सुकमा में एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन रहते हुए करीब एक हजार नक्सलियों का सरेंडर करवाया।-लगभग 500 नक्सली गिरफ्तार हुए और 88 नक्सली मारे गए। -नक्सलियों के पुनर्वास का कार्यक्रम चलाया, योजनाओं के तहत का लोगों तक लाभ पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बतौर कप्तान रहते संतोष सिंह ने हर थाने में चाइल्ड हेल्प डेस्क बनाई गई, महिला पुलिस कर्मी को चाइल्ड हेल्प ऑफिसर तैनात किया। -ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों समाजसेवियों को बालमित्र बनाया ताकि बच्चों से जुड़ी समस्याओं को पुलिस तक पहुंचने में आसानी हो।-बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी। इस ट्रेनिंग में बच्चों को खासकर लड़कियों को जूडो-कराटे की पारंपरिक ट्रेनिंग देने के बजाय हेयर क्लिप, पेन, चुन्नी, कंगन का प्रयोग कर आत्मरक्षा करना सिखाया गया।-साल 2018 में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संतोष सिंह को Champions Of Change का अवॉर्ड दिया। -रायगढ़ में एसपी रहते हुए कोरोना की पहली लहर में प्रवासी मजदूरों गरीबों की मदद के लिए करीब एक लाख खाने के पैकेट बांटे।-रायगढ़ में तैनाती के दौरान ही संतोष सिंह को क्राइम कंट्रोल के लिए तीन बार इंद्रधनुष अवॉर्ड भी दिया गया।
आईपीएस संतोष सिंह का परिचय
संतोष सिंह गाजीपुर के देवकली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता पत्रकार हैं। शुरुआती पढ़ाई गाजीपुर के नवोदय विद्यालय में पूरी करने के बाद बीएचयू से स्नातक किया। स्नातकोत्तर राजनीति शास्त्र में गोल्ड मेडल हासिल किया। जेएनयू से संतोष कुमार सिंह अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर एमफिल कर वर्तमान में दुर्ग विश्वविद्यालय से संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों पर पीएचडी कर रहे हैं।
आईपीएस अमित कुमार की उपलब्धियां और परिचय
अवार्ड की सूची में शामिल दूसरे अमित कुमार 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वर्तमान में बनारस रेंज के चंदौली जिले ने एसपी हैं। मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले अमित कुमार के पिता सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद से रिटायर हुए। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ-साथ आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए करने के बाद अमित कुमार ने कुछ महीने अमेरिका के लॉस एंजिलिस की एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी में काम भी किया। -अमित कुमार लंबे समय तक लखनऊ में एएसपी ट्रांस गोमती, एडिशनल डीसीपी ईस्ट के पद पर रहे। लखनऊ में तैनाती के दौरान अमित कुमार ने देश के बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा किया जो लग्जरी गाड़ियों को ऑन डिमांड चोरी करता था। -इस गैंग से 15 करोड़ की कीमत वाली 112 लग्जरी गाड़ियां बरामद हुईं थी। लखनऊ में अमित कुमार के इस ऑपरेशन को देश के सबसे बड़े ऑपरेशन और सबसे बड़ी रिकवरी मानी गई। इस खुलासे के बाद तमाम इंश्योरेंस कंपनियों को भी अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करना पड़ा। -अमित ने लखनऊ में तैनाती के दौरान इसरो के लिए डेटा बेस तैयार करने वाली एजेंसी रिमोट सेंसिंग सेंटर की वेबसाइट हैक होने से बचाया था।
यह होता है IACP अवार्ड
IACP अवार्ड दुनिया भर के ऐसे पुलिस अफसरों को दिया जाता है जो किसी जिले के प्रमुख के तौर पर तैनात हो। अमेरिका की तरफ से मिलने वाले इस अवार्ड के लिए हर साल दुनिया भर से ऐसे 40 अफसरों को चुना जाता है जिनकी उम्र 40 साल से कम हो। इस कम उम्र में कानून व्यवस्था में किया गया उनके सराहनीय काम के लिए अवार्ड दिया जाता है।