पांच शहरों में काम पिछड़ा:स्मार्ट सिटी मिशन के 567 में से सिर्फ 273 काम ही हुए पूरे, भोपाल-इंदौर को छोड़कर बाकी पांच शहरों में धीमी रफ्तार

स्मार्ट सिटी मिशन में प्रदेश को हर बार अवार्ड मिल रहे हैं, लेकिन उसके आधे से ज्यादा काम अभी अधूरे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) के फंड से होने वाले 567 कामों में से 273 ही अब तक पूरे हुए हैं। भोपाल व इंदौर में तो इनकी प्रोग्रेस अच्छी है, लेकिन अन्य पांच शहरों में काम पिछड़ा है।

यह स्थिति तब है, जबकि पांच शहरों को इसके लिए चुने हुए पांच वर्ष हो चुके हैं। दो अन्य शहरों को भी चार साल पहले शामिल किया गया था। पहले राउंड में जनवरी 2016 में भोपाल, इंदौर व जबलपुर, दूसरे राउंड में सितंबर 2016 में ग्वालियर व उज्जैन और तीसरे राउंड में 2017 में सतना व सागर को शामिल किया गया। भोपाल-इंदौर में काम पूरे हो चुके हैं या इनका काम अंतिम स्तर पर है। दिक्कत बाकी शहरों में है। कुल 6566 करोड़ के प्रोजेक्ट हैं, लेकिन इनमें से मात्र 1577 करोड़ के काम ही पूरे हो सके हैं। इनमें से भोपाल-इंदौर के ही एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के काम शामिल हैं। नगरीय प्रशासन का दावा है कि अक्टूबर तक अधिकतर कामों के वर्क ऑर्डर जारी हो जाएंगे। उसने काम खत्म करने की समयसीमा मार्च 2023 तय की है, लेकिन कामों की गति को देखते हुए यह संभव नहीं लगता।

नेशनल लेवल पर उपलब्धि.. अब तक प्रदेश को मिल चुके हैं 11 अवॉर्ड
मप्र को स्मार्ट सिटी मिशन में अब तक 11 अवार्ड मिल चुके हैं। इसमें इंदौर को पांच अवार्ड मिले हैं। इसमें एससीएम में ओवरऑल परफॉर्मेंस में पहला स्थान भी उसे मिला। भोपाल अर्बन इन्वायरमेंटल प्रोजेक्ट में पहले नंबर पर आया था।

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