इंदौर में 150 करोड़ का बैंक घोटाला:शराब माफिया को आधे-अधूरे कागजों पर दी बैंक गारंटी, रिकॉर्ड सिर्फ कप्म्यूटर पर दिखाए, असल में थे ही नहीं

शहर में आधे-अधूरे दस्तावेजों के आधार पर बैंक गारंटी व ओवर ड्राफ्ट लेकर शराब ठेके लेने का मामला सामने आया है। बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से कुछ शराब ठेकेदारों को हर साल दस्तावेजों में हेरफेर कर करोड़ों की बैंक गारंटी जारी की गई। बैंक की आंतरिक जांच रिपोर्ट (भास्कर के पास इसकी कॉपी सुरक्षित) में ही इसका खुलासा हुआ है।

बैंक से जुड़े एक मामले में 15 सितंबर को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में सिंडिकेट और बैंक गारंटी से जुड़ा यह मामला रखा गया है। एक साल में करीब 25-30 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है। कई वर्षों से यह क्रम चल रहा था। प्रारंभिक तौर पर करीब 150 करोड़ के घोटाले की बात कही जा रही है।

बैंक गारंटी में यह गड़बड़ियां शराब ठेकेदारों शिवहरे ग्रुप के सदस्य मुकेश शिवहरे, गोपाल शिवहरे, भारती शिवहरे, पूनम शिवहरे, रमेश राय, ऋषि राय, गौरव राय, पिंटू भाटिया व परिजन के राजबाड़ा स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक खातों में मिली है। तत्कालीन बैंक अफसरों ने मामला दबाते हुए केस दर्ज न कराते हुए खातों को सेटल भी कर दिया।

कैसे हुआ घोटाला- प्रॉपर्टी की जांच ही नहीं की

शराब सिंडिकेट के अधिकांश सदस्यों के खाते पंजाब एंड सिंध बैंक की राजबाड़ा शाखा में हैं। ज्यादातर को क्षमता से अधिक बैंक गारंटी दी गई। जिन प्रॉपर्टी पर गारंटी दी गई, उनकी जांच तक नहीं गई। सेंक्शन लेटर किसी और का तथा गारंटी किसी और को देने के मामले भी सामने आए हैं।

12 फीसदी का है नियम

आबकारी ठेके लेने के लिए फरवरी में बोली लगती है। ठेका लेने से पहले उन्हें ठेके की राशि के 12% की बैंक गारंटी देना होती है। बाकी राशि किस्तों में दी जाती है। सिंडिकेट के कई सदस्यों ने अधूरे दस्तावेजों से गारंटी लेकर ठेके ले लिए।

ये गड़बड़ियां भी सामने आईं

  • बिना प्रक्रिया के 6 माह गारंटी बढ़ाकर मनु राय को 3 करोड़, ऋषि राय को ढाई करोड़, निधि पासद को 3 करोड़ व गुरवीन कौर भाटिया को 3 करोड़ की गारंटी दी गई।
  • शराब ठेका हाथ में नहीं होने पर भी अनीता सिंह, मुकेश सिंह, राहुल भानुप्रिया, मंशाराम मालवीय को ओडी लिमिट दी।
  • गारंटी बढ़ाने के लिए संपत्ति की कीमत 11 माह में ही पौने दोगुना तक बढ़ाई।

बैंक- बैंक मैनेजर पर कार्रवाई की

कई खातों की जांच में गारंटी देने में नियमों का पालन नहीं किए जाने की बात सामने आई थी। मैनेजर पर भी कार्रवाई हुई थी। बैंक विजिलेंस ने भी कार्रवाई की थी।
– एपी जैन, तत्कालीन जांच अधिकारी (अब रिटायर्ड)

सिंडिकेट- बैंक ने बताया तो कागज पूरे कर दिए

पिंटू भाटिया ने कहा जो कागज कम थे, दे दिए थे। मुकेश शिवहरे ने कहा बैंक की कोई जांच चल रही हो तो मुझे पता नहीं। रमेश राय के बेटे ऋषि राय ने कहा तय लिमिट से ज्यादा की गारंटी नहीं हुई।

मैनेजर- विजिलेंस रिपोर्ट के बाद अब खाते ठीक

बैंक गारंटी को लेकर कुछ इश्यू थे, विजिलेंस का भी कोई मामला था, लेकिन सभी सेटल हो चुके हैं। अब नियमानुसार ही फ्रेश बैंक गारंटी जारी हो रही है।
– शंकर पणिकर, ब्रांच मैनेजर, पंजाब एंड सिंध बैंक

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