ग्वालियर : ननीयों के लिए दुरुस्त हुईं सड़कें, फिर बदहाल

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नगर आगमन हेतु जिन सड़कों को दुरुस्त नगर निगम समेत अन्य विभागों ने किया था, वे फिर से बुरी तरह बदहाल हो गई हैं। निरावली से बहोड़ापुर और फिर शहर की उन सड़कों को दुरुस्त किया गया था जो सिंधिया का रूट था, लेकिन सड़कों की मरम्मत अस्थाई हुई थी। जिसके कारण पूरा रूट फिर से गढ्डों भरा हो गया है। जिसके कारण चार पहिया वाहन जहां हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ते हैं, वहीं दो पहिया वाहन चालकों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निरावली से पुरानी छावनी, बहोड़ापुर तक की सड़क के गढ्डों को गिट्टी डालकर भरा गया था, जो बारिश होते ही फिर खुद गए हैं। वहीं बहोड़ापुर से मानसिक आरोग्यशाला तक निर्माणाधीन जिस सड़क को रोलिंग कर वाहनों के गुजरने लायक बना दिया गया था, वह फिर ऊबड़-खाबड़ हो गई है।

सिटी सेंटर बिजली घऱसिटी सेंटर बिजली घर के सामने सड़क बुरी तरह से खुदी पड़ी हुई है। गहरे-गहरे गढ्डे हैं, जहां से होकर गुजरना दोपहिया-चार पहिया वाहन चालकों के लिए काफी मुश्किल होता है। जरा सी बारिश होने पर यहां पानी भर जाता है, कीचड़ होने के कारण लोग पैदल भी बड़े मुश्किल से निकल पाते हैं।

ग्वालियर लोहा मंडी रोड़फिूलबाग चौराहे से किला गेट तक जाने वाली सड़क अत्यधिक बदहाल है। करीब तीन किलोमीटर की इस सड़क से गुजरने में बमुश्किल 10 मिनट लगना चाहिए, लेकिन आधा घंटा से अधिक यहां से गुजरने में लग जाता है। खास बात यह है कि यहां से अत्यधिक आटो, टेंपो व अन्य ट्रैफिक गुजरता है।

गुड़ीगुड़ा का नाका़यिहां ट्रैफिक रहने के साथ ही सब्जी व फल मंडी भी लगती है। सड़क पर काफी गढ्डे हैं, जिसके कारण जाम की स्थित बनी रहती है। बारिश होने पर गुजरना मुश्किल हो जाता है। बारिश का पानी भर जाने के कारण गढ्डों में भारी वाहन फंस भी जाते हैं। वाहनों में टूट-फूट का नुकसान लोगों को झेलना पड़ता है और हादसे भी होते हैं।

पैचवर्क पानी में नहीं टिक पा रहा है, क्योंकि डामर पानी के संपर्क में आते ही खराब हो जाता है। धूप निकलते ही फिर से पैचवर्क कराया जाएगा।

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