भोपाल की सड़कों की रिपेयरिंग 6 अक्टूबर से ,,,, बारिश में खराब हो गई 3 हजार किमी सड़कें, निगम 70 करोड़ रुपए खर्च करेगा; PWD और CPA भी संवारेगा

राजधानी भोपाल की बारिश में खराब हुई 3 हजार किमी से ज्यादा लंबी सड़कों की रिपेयरिंग 6 अक्टूबर से शुरू होगी। नगर निगम करीब 70 करोड़ रुपए खर्च करेगा। वहीं PWD और CPA भी अपनी सड़कों की सुध लेंगे। तीनों निर्माण एजेंसियों ने कमिश्नर कवींद्र कियावत को डिटेल प्लान सौंप दिया है। कमिश्नर ने हर हाल में 20 दिन के भीतर सड़कों की तस्वीर बदलने को कहा है।

कमिश्नर कियावत ने बताया कि नगर निगम, PWD और CPA ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 6 अक्टूबर से रिपेयरिंग शुरू करा दी जाएगी। सड़कों को बेहतर तरीके से सुधारने को कहा है। 20 दिन में काम पूरा करना है। ताकि आमजनों को राहत मिल सके।

15 दिन में सुधारना होगी सड़कें

राजधानी में पिछले 2 महीने से खराब सड़कों का मुद्दा काफी गर्माया हुआ है। ऐसी कोई सी सड़क नहीं है, जो खराब न हुई हो। सबसे बुरे हाल राजधानी के उप नगर कोलार के बिगड़े हैं। कोलार रेस्ट हाउस से चिचली बैरागढ़ तक 10 किमी की सड़क पूरी तरह से उखड़ी हुई है।

वहीं, होशंगाबाद रोड की हालत भी ठीक नहीं है। मिसरोद तक सड़क पर ढेरों गड्‌ढे हो चुके हैं। यही हाल पुराने शहर के भोपाल टॉकीज, अल्पना तिराहा, हमीदिया रोड, करोंद, डीआईजी बंगला, छोला, शाहजहांनाबाद, परी बाजार आदि इलाकों के भी बने हैं।

रायसेन रोड, अवधपुरी, अयोध्या बायपास, रातीबड़ समेत कई कॉलोनियों में सड़कें उखड़ी हुई है। इस कारण राहगीरों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई हैं। पिछले 2-3 महीने से लाखों लोग परेशान हो रहे हैं।

20 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करना है काम
कमिश्नर कियावत ने 21 सितंबर को तीनों एजेंसियों की मीटिंग ली थी। जिससमें उन्होंने 1 अक्टूबर से सड़कों की हालत सुधारने को कहा था। हालांकि, बारिश का दौर जारी होने के कारण रिपेयरिंग का काम 6 दिन आगे बढ़ा दिया गया था। 6 अक्टूबर से रिपेयरिंग करने को कहा था।

सड़कों की वजह से भेंट चढ़ चुका CPA

राजधानी की सड़कों की वजह से ही CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) CM शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी की भेंट चढ़ चुका है। जुलाई में मीटिंग के दौरान CM ने CPA को बंद करने के निर्देश दे दिए थे। इसके बाद वरिष्ठ अफसर हरकत में आए थे और सड़कों के गड्‌ढों में मिट्‌टी-गिट्‌टी भरी गई थी। इससे कई इलाकों में परेशानी और भी बढ़ गई। अब डामरीकरण होने की स्थिति में सड़कों की हालत सुधर पाएगी।

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