काले हिरण के शिकार ने बनाया करोड़पति!:इंदौर का घूसखोर रेंजर गिरफ्तार; कनाडिया रोड पर डेढ़ करोड़ का आलीशान बंगला, 10 महीने बाद रिटायरमेंट था
36 साल की नौकरी में फॉरेस्ट गार्ड से रेंजर बने बिहारी सिंह को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए उज्जैन EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने गिरफ्तार किया है। फॉरेस्ट रेंजर की संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में अभी तक रेंजर के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है। इंदौर की स्कीम नंबर 140 में डेढ़ करोड़ का आलीशान बंगला सहित एक अन्य मकान, 2 लाख नकदी, 17 बीघा खुड़ैल में जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा रेंजर को गाड़ियों का भी शौक है। EOW की टीम रेंजर के बैंक खातों की जांच में भी जुट गई है।
EOW SP दिलीप सोनी ने बताया कि शिकायत मिली थी कि रेंजर अधिकारी जमीन को समतल करने के लिए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत की जांच के बाद फॉरेस्ट रेंजर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
500 रुपए से की थी शुरुआत
दिलीप सोनी ने बताया कि 1984 में बिहारी सिंह बतौर फॉरेस्ट गार्ड विभाग में पदस्थ हुआ। 20 साल तक बिहारी सिंह ने इंदौर में ही अपनी सेवाएं दीं और भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटा ली। 2018 में बिहारी सिंह का तबादला दमोह बतौर रेंजर के तौर पर हो गया था। यहां उसने काले हिरण शिकार के मामले में तस्करों को मदद की और तस्करों के साथ मिलीभगत के कारण उसे 12 दिन की जेल भी हुई थी। रेंजर की 10 महीने की नौकरी और बची थी।
करोड़ों रुपए बताई जा रही बंगले की कीमत
एसपी सोनी ने बताया कि बिहारी सिंह का बंगला कनाडिया स्थित चित्रा स्टेट के पास है। जिस कॉलोनी में रेंजर ने 8000 हजार स्क्वायर फीट में आलीशान बंगला बनवाया है। बंगले की कीमत लगभग डेढ़ करोड रुपए बताई जा रही है।
बिहारी सिंह के बंगले के अलावा इंदौर के दुर्गा विहार एक मकान पर कार्रवाई जारी है। छापे के दौरान एक बोलेरो गाड़ी, एक स्विफ्ट गाड़ी भी विभाग को मिली है। वहीं कई बैंक खातों की जानकारी भी विभाग को लगी है।