यूपी में हर घर पर कांग्रेस की नजर:कांग्रेस के साथ न दलित, न ब्राह्मण, न ओबीसी…इसलिए प्रियंका के गेम प्लान में 6.50 करोड़ वोटर्स
विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का प्रियंका गांधी का ऐलान यूपी की जातिवादी राजनीति के चक्रव्यूह को तोड़ने का नया गेम प्लान है। प्रियंका के इस फैसले के पीछे बहुत लंबी तैयारी है। प्रियंका जब भी यूपी आईं तो महिलाओं के मुद्दे उनके फोकस में रहे। चाहे लखीमपुर की बात हो या हाथरस की.. या 2019 में इलाहबाद यूनिवर्सिटी की छात्राओं के साथ संवाद। प्रियंका जानती हैं कि उत्तरप्रदेश में दलित,मुस्लिम, पिछड़ो और ब्राह्मणों का वोट बैंक अब कांग्रेस से छिटक चुका है। ऐसे में जातियों से परे वोटर्स की आधी आबादी को सीधे सत्ता में भागीदारी देने का ऐलान कर दिया। प्रियंका ने इस मौके पर यह तंज भी कस दिया कि गैस सिलेंडर देने और पेंशन की राशि बढ़ा देने से महिलाओं का उत्थान नहीं होने वाला। उन्हें सशक्त बनाने के लिए सत्ता में भागीदारी देनी होगी।
प्रियंका जानती हैं कि यूपी में भाजपा के साथ ब्राह्मण, राजपूत और गैर यादव ओबीसी हैं। सपा के साथ मुस्लिम और यादव पक्के जुड़े हैं। बसपा को दलितों का समर्थन है। अब बदली हुई रणनीति में बसपा ब्राह्मणों में भी सेंधमारी कर रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास किसी खास जाति वर्ग का सीधा समर्थन नहीं है।प्रियंका ने इस बात को समझते हुए सबसे बड़े वोट बैंक पर फोकस किया जो जाति और पंथ से अलग है।
आखिर कैसे तैयार हुई रणनीति..
प्रियंका ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सोनभद्र की पीड़िता, हाथरस कांड की मां का दर्द और लखीमपुर हिंसा में मारे गए पत्रकार की बेटी वैष्णवी का जिक्र भी किया। यानी, वह हर जाति वर्ग की महिलाओं की बात कर रही है।
कितना चुनौतीपूर्ण होगा?
उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं लेकिन सभी 403 में 161 सीटों पर महिला उम्मीदवारों की तलाश कांग्रेस के लिए उतनी आसान नहीं होगी। बीते सालों में कांग्रेस के संगठन का ढांचा काफी कमजोर हो चुका है। लेकिन कांग्रेस के जानकार भी मानते हैं कि प्रियंका के इस दांव का किसी के पास जवाब नहीं है।