कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए इंतजार बढ़ा:टेंडर के लिए डेट बढ़कर 9 नवंबर हुई, नीचे नेशनल हाईवे और ऊपर बनेगा एक्सप्रेस वे, 45 मिनट में पूरा होगा सफर
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए लोगों का इंतजार और बढ़ गया है। एक्सप्रेस वे के लिए किए गए टेंडर की डेट को अब 9 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। टेंडर में सिर्फ 2 कंपनियों ने ही टेंडर डाला, इसकी वजह से अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने दोबारा टेंडर कॉल किया है। एक्सप्रेस वे के बनने के बाद 2 घंटे का सफर 45 मिनट में पूरा होगा।
अक्टूबर तक थी निर्माण शुरू करने की तैयारी
एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनएन गिरि ने बताया कि दोबारा टेंडर कॉल किए गए हैं। पहले अक्टूबर तक निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी थी। अब नए साल में ही काम शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि एक्सप्रेस वे में छह लेन की सड़क होगी, लेकिन फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर 8 लेन के होंगे।
शहीद पथ लखनऊ से बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेन एलीवेटेड रोड बनेगा, इसके बाद बनी से उन्नाव होते हुए आजाद चौराहा तक रोड 6 लेन होगी। इसे कानपुर रिंग रोड और गंगा बैराज मार्ग और उन्नाव-लालगंज हाईवे से भी जोड़ा जाएगा।
देश में बेहद कम
देश में ऐसे बहुत कम राज्य हैं। जहां नीचे नेशनल हाईवे और उसके ऊपर एक्सप्रेस वे बना हो। सरकार कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे को एनई-6 घोषित भी कर चुकी है। जबकि नीचे से नेशनल हाईवे-27 होकर गुजरेगा। 62.755 किमी. का पूरा एक्सप्रेस वे एलिवेटेड 6 लेन बनाया जाएगा।
8 लेन के होंगे सभी ब्रिज
ट्रैफिक लोड को देखते हुए आने वाले समय में लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे पर सभी ब्रिज आठ लेन के हिसाब से डिजाइन किए जाएंगे। शहीद पथ के निकट एनएच 27 के जंक्शन से प्रारंभ होकर बनी, कांठा व अमरसास को जोड़ने वाले और कानपुर के निकट एनएच-27 के जंक्शन को कनेक्ट करेगा। वहीं उन्नाव जिले में ही टोल वसूला जाएगा।
ऐसा होगा एक्सप्रेस वे
– 6 लेन का होगा एक्स्प्रेस वे।
-26 छोटे और दो बड़े पुल बनेंगे।
-16 वाहन अंडरपास और 22 पैदल अंडरपास होंगे।
-1 रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा।
-62.75 किलोमीटर लंबा होगा होगा।
-4200 करोड़ रुपए रोड निर्माण में होगा खर्च।
-6 जगहों पर सर्विस रोड बनाई जाएगी।