Gwalior Health News … बिना लिखित अनुमति के संचालित हाे रहा गोविंदम मेडिकल स्टोर, जानें कैसे
जयारोग्य अस्पताल में गोविंदम मेडिकल स्टोर पिछले दो माह से बिना अनुमति के संचालित हो रहा है। स्टोर को खाली कराने की कवायाद तो शुरू हुई, लेकिन जिन अफसरों को नियमानुसार खाली कराना था, आज वही मेडिकल स्टाेर का संचालन जारी रखने की पैरवी कर रहे हैं। मरीजों की आड़ में मेडिकल स्टाेर संचालित तो किया जा रहा है, लेकिन अमृत फार्मेसी काे बढ़ावा देने के काेई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जबकि यहां पर मरीजाें काे कम दामाें में दवाई मिलती है। शनिवार को जब अपर आयुक्त बीएस मंडलोई ने मेडिकल सील किया ताे संभागायुक्त के निर्देश पर तत्काल खोलना पड़ा। ऐसे में जेएएच प्रबंधन एवं संभागायुक्त की मंशा पर भी सवाल खड़े हाे रहे हैं। डाक्टरों को मजबूरी में मरीज को बाहर से दवा मंगवाकर इलाज देना पड़ रहा है। इसके बाद भी कहा जाता है कि मरीज की सुविधा के लिए मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा है। गोविंदम मेडिकल स्टोर द्वारा सितंबर माह का किराए का एक चेक बनाकर डीन कार्यालय भेजा गया था। यह चेक भी डीन कार्यालय से वापस कर दिया गया है। ऐसे में साफ है कि अब डीन कार्यालय से चेक वापस कर दिया गया तो राजस्व का लाभ भी शासन या कालेज प्रबंधन को नहीं हाे रहा है। जबकि इस मेडिकल स्टाेर काे राजस्व का लाभ बताते हुए खोलने की मौखिक अनुमति दी गई है, जबकि लिखित में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ। वहीं टेंडर प्रक्रिया में भी विलंब किया जा रहा है। डीन कार्यालय से चेक वापस होने की पुष्टि अपर आयुक्त बीसी मंडलोई के समक्ष खुद मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा की गई। जेएएच में मेडिकल स्टोर के टेंडर के नाम पर जीआर मेडिकल कालेज के डीन डा समीर गुप्ता व जेएएच अधीक्षक डा आरकेएस धाकड़ के अलग-अलग बयान सामने आए हैं। डीन का कहना है कि टेंडर जल्द किए जाने हैंं, इसके लिए कुछ नियम व शर्तों को प्रारुप बना कर अधीक्षक के पास भेजा है। उसमें उन्हें कुछ आपत्ति है, जिसमें सुधार के बाद जल्द टेंडर किए जाएंगे। जबकि अधीक्षक का कहना है कि डीन कार्यालय से नियम व शर्तों को बनाकर एक पत्र अधीक्षक कार्यालय में भेजा गया था। जब नियम और शर्ते पहले से ही बन चुकी तो उसमें जेएएच प्रबंधन को कोई आपत्ति नहीं है। इसलिए पत्र का जबाव भेजा जा चुका है और आनलाइन निवदा आमंत्रित की गई हैं। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
-डीन कार्यालय से मेडिकल स्टोर खाली कराने के लिए पत्र जारी हुआ।
-जेएएच अधीक्षक ने भी मेडिकल स्टोर खाली करने के लिए स्टोर संचालक को पत्र लिखा।
-मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा एक अक्टूबर तक खाली करने का समय मांगा। जिसमें पीछे के गेट से समान निकालने की अनुमति मांगी।
-सितंबर माह के किराए का चेक स्टोर से बनाकर डीन कार्यालय भेजा गया।
-डीन कार्यालय से चेक वापस किया गया।
-मेडिकल स्टोर बंद के निर्देश के बाद अमृत फार्मेसी को 24 घंटे सेवाएं देने के निर्देश दिए गए।
-मेडिकल स्टोर बिना लिखित अनुमति के संचालित हो रहा है।
-दो माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू तक नहीं की जा सकी।