सरकारी स्कूलों में शिक्षा खोज रहे बच्चे ..!

फूप के कनकपुरा और थोना विद्यालय में के नहीं खुल ताले, शिक्षकों का इंतजार करते रहे बच्चे

सरकारी स्कूलों में शिक्षा खोज रहे बच्चे, शिक्षक नहीं पहुंचे तो मायूस होकर लौटे …

कनकपुरा में बंद स्कूल के बाहर बैठे बच्चे।

बुधवार को 11 बजे तक जब शिक्षक नहीं पहुंचे तो छात्र-छात्रा बिना पढ़े ही वापस लौट गए। वहीं स्कूल में मध्याह्न भोजन के नाम पर बच्चों को 5 रुपए वाला बिस्किट का पैकेट समूह द्वारा दिया जाता है।

फूप. सरकारी स्कूलों की शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है। स्कूलों की न तो ठीक से मॉनिटरिंग होती है और न हीं शिक्षक अपने कर्तव्य का पालन ईमानदारी से कर रहे हैं। ऐसे में शासकीय स्कूलों में शिक्षा खोज रहे छात्र मायूस होकर घर लौट रहे हैं। बुधवार को फूप सर्किल के एकीकृत विद्यालय कनकपुरा और थोना में स्कूल बंद मिले। छात्रों ने एक घंटे शिक्षकों का इंतजार किया, लेकिन स्कूलों के ताले नहीं खुले।
शिक्षकों को कोसते रहे बच्चे: एकीकृत माध्यमिक विद्यालय कनकपुरा में सुबह 10.50 बजे स्कूल बंद था। विद्यालय के बाहर आठ से दस छात्र खेल रहे थे। विद्यालय में शिक्षक रमाकांत तिवारी और रिंकू भदौरिया पदस्थ हैं। स्कूल में छात्रों की संख्या 25 है। छात्र विपिन, अंकित, जानवी, अर्पित, अंश, दीपेंद्र ने बताया कि यहां माड़साहब ग्यारह बजे के बाद आते हैं। स्कूल सुबह साढ़े दस बजे खुलता है। जबकि दोपहर तीन बजे ही छुट्टी करके चले जाते हैं। कई बार वह आते नहीं हैं तो वापस लौट जाते हैं।
तीन शिक्षक, समय पर एक भी नहीं पहुंचता
माध्यमिक एकीकृत शाला थोना में तीन शिक्षक पदस्थ हैं पर समय पर एक भी नहीं पहुंचता है। सुबह 11.10 बजे बंद मिली। स्कूल में छात्रों की दर्ज संख्या 30 है। प्रधानाध्यापक रमेशचंद्र वर्मा, शिक्षक महेश दुबे और रामभरोसे भदौरिया पदस्थ हैं। बुधवार को इनमें से एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे तो छात्र-छात्राएं मायूस होकर लौट गए। जबकि छात्र सुबह साढ़े 10 बजे से गेट खुलने का इंतजार कर रहे थे। स्कूल में छात्र सुमित, आदित्य, अंकित, कंचन, सोनम, ईसू, रिंकल, सवनम, नेहा, शिवानी और कामनी ने बताया कि हम स्कूल के समय से पांच मिनट पहले ही आ गए थे, लेकिन शिक्षक नहीं आए हैं अब वापस घर जा रहे हैं। जब छात्र वापस घर लौट गए तो शिक्षक रामभरोसे भदौरिया सुबह सवा ग्यारह बजे स्कूल पहुंचे।
आंगनबाड़ी केंद्र भी मिले बंद
थोना स्कूल से वापस लौटते छात्र।

दोनों ही सरकारी स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं जो स्कूल के साथ बंद थे। इन केंद्रों में प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चों की पढ़ाई, पोषण आहार दिया जाता है। दोनों केंद्रों पर 30 से 30 बच्चे दर्ज हैं, तो दस से पंद्रह गर्भवती महिलाएं हैं। लेकिन बुधवार को दोनों ही केंद्रों पर ताला लटका था। कार्यकर्ता और सहायिकाएं गायब थीं। जाग्रति स्वसहायता समूह द्वारा एमडीएम बनाने का जिम्मा लिया गया है, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक कई माह से बच्चों को भोजन नहीं मिल रहा है।

स्कूल समय पर नहीं खोले जा रहे हैं, तो शिक्षकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। समूह द्वारा बरती जा रही लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कम छात्रों पर शिक्षक अधिक हैं, इस संबंध में भी पत्र लिखेंगे।

 बीईओ भिण्ड

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