ट्रैवलिंग की शौकीन इंदौर की साक्षी ने शुरू किया महिलाओं के लिए ट्रैवलिंग स्टार्टअप ; घूमने के साथ 30 लाख का सालाना टर्नओवर
घूमने का क्रेज काफी लोगों में देखने को मिलता है। फेमिली और फ्रेंड्स के अलावा कई लोग सोलो ट्रेवलिंग यानी अकेले घूमने जाना भी पसंद करते हैं। सोलो ट्रिप मजेदार होने से साथ काफी चुनौतीपूर्ण भी होती है, खासकर लड़कियों के लिए। इन्हीं चुनौतियों को कम करने और ट्रैवलिंग को खास, सुरक्षित और पॉकेट-फ्रेंडली बनाने के लिए इंदौर की साक्षी ने ‘लेट हर ट्रेवल’ (Let Her Travel) नाम से स्टार्टअप शुरू किया है
साक्षी अब तक गोवा, मनाली, जयपुर सहित 45 टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर ट्रिप के लिए ले जा चुकी हैं। अपने स्टार्टअप के जरिए घूमने के साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रहीं हैं। साक्षी ने मात्र 5 हजार रुपए की सेविंग्स के साथ स्टार्टअप शुरू किया था और आज वो हर साल 20 लाख रुपए का बिजनेस कर रही हैं।
आज की पॉजिटिव खबर में जानेंगे साक्षी के ट्रैवलिंग के पैशन को प्रोफेशन में बदलने की कहानी ….
सोलो ट्रिप से स्टार्टअप का आइडिया आया
24 साल की साक्षी बालदे इंदौर के एक निजी कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं हैं। ग्रेजुएशन के शुरुआती दिनों में साक्षी ने अपने दोस्तों के साथ एक ट्रिप प्लान किया। हर बार की तरह इस बार भी प्लान पर पानी फिर गया क्योंकि दोस्तों के पेरेंट्स ने सेफ्टी रीजन्स के चलते उन्हें जाने से मना कर दिया। इस ट्रिप पर साक्षी को अकेले ही जाना पड़ा। इस तरह ये उनकी पहली सोलो ट्रिप थी।
साक्षी बताती हैं, “मेरे दोस्तों के पेरेंट्स ने सेफ्टी रीजन्स के चलते उनका ट्रिप कैंसिल कराया था। जब मैं ट्रिप पर गई तो यहीं सब वहां भी महसूस किया। मैंने लौटने के बाद इस पर काफी सोचा और इस तरह स्टार्टअप का आइडिया आया।”
साक्षी ने ट्रिप के बाद इस पर रिसर्च करना शुरू किया। गूगल से लेकर फील्ड रिसर्च और खुद फॉर्म बना कर साक्षी ने सर्वे किए। जिससे उन्हें महिलाओं के ट्रैवल में आने वाली कई परेशानियों का पता चला। उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ महिलाओं के लिए एक सेफ और पॉकेट-फ्रेंडली स्टार्टअप बनाने का फैसला किया।
एक अलग तरह का बिजनेस करना चाहती थी
इंदौर में पली-बढ़ी साक्षी बताती हैं, ‘मैं एक मराठी परिवार से ताल्लुक रखती हूं। हमारे यहां लड़के-लड़कियों दोनों को खूब पढ़ाया जाता है, जिससे उन्हें एक वाइट कॉलर जॉब मिल सके और लाइफ आसानी से चल सके। जब मैंने पढ़ाई के बाद नौकरी ना कर, एक स्टार्टअप करने की बात अपने परिवार के सामने रखी तो पेरेंट्स को धक्का सा लगा। उनके लिए ये बिल्कुल भी एक्सपेक्टेड नहीं था। मैंने मन बना लिया था, इसलिए अपनी 5 हजार की सेविंग्स के साथ नवंबर 2018 में अपना पहला ट्रिप ऑर्गेनाइज किया। ये वन डे ट्रिप था, जिसमें हम 15 लड़कियों के ग्रुप को मांडू ले गए थे। इस ट्रिप की फीस भी स्कूल पिकनिक फीस जैसी ही रखी थी, जिससे हर कोई इसे आसानी से अफॉर्ड कर सके।
आगे की ट्रिप्स के लिए साक्षी के पास पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब कर 30 हजार रुपए इकट्ठे किए और ट्रिप्स ऑर्गेनाइज की। री-इंवेस्टमेंट के साथ उन्होंने एक के बाद एक कई ट्रिप्स ऑर्गेनाइज कीं।
पूरे 1 साल तक साक्षी ने वन डे टूर ही कराया। फिर बारी थी मध्यप्रदेश के बाहर देशभर में ट्रिप करने की। इसकी शुरुआत उन्होंने झीलों की नगरी उदयपुर से की। अभी तक वो 45 ट्रिप मध्यप्रदेश और 10 से ज्यादा ट्रिप्स गोवा, मनाली, जयपुर जैसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन के करवा चुकी हैं। साक्षी कहती हैं, ‘कई लोग महिलाओं से पैसे लेकर ठग लेते हैं, तो वहीं कई बार उन्हें अच्छी सुविधाएं नहीं मिलती। ऐसे में कई महिलाओं का अनुभव खराब होता है। इसलिए हमने अपने सभी पैकेज को सस्ता और सुरक्षित रखा है ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं ट्रैवल कर सकें।
यंग्स्टर्स को दे रहीं हैं मौका
साक्षी अपने इस स्टार्टअप के जरिए महिलाओं को रोजगार देने की भी कोशिश कर रही हैं। उनकी टीम में 15 महिलाएं हैं, इनमें से ज्यादातर कॉलेज जाने वाली लड़कियां हैं। साक्षी ने अपनी टीम में अलग-अलग शहरों के लोगों को शामिल किया है जिससे उनके ट्रिप पर आने वाले ट्रेवलर को जगहों के बारे में फर्स्ट हैंड इन्फॉर्मेशन मिल सके।
मार्केटिंग के लिए अपनाया सोशल मीडिया का रास्ता
महिलाओं की ट्रैवलिंग पर बेस्ड ‘लेट हर ट्रेवल’ कई महिला ट्रैवलर के लिए पसंदीदा बना चुका है। साक्षी बताती हैं इस स्टार्टअप को शुरू करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वो कहती हैं, “मुझे कभी भी फैमिली की तरफ से फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं मिला लेकिन दोस्तों ने स्टार्टअप की मार्केटिंग में बहुत मदद की। हमने पोस्टर बनाकर लोगों तक ट्रिप की जानकारी पहुंचाई। वॉट्सऐप स्टेटस पर लोगों से शेयर किया। धीरे-धीरे फैमिली और फ्रेंड्स के जरिए स्टार्टअप को रफ्तार मिली।”
महिलाओं की सुरक्षा का खास ख्याल
साक्षी बताती हैं, ‘मैं खुद एक महिला हूं और अच्छे से जानती हूं कि महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा हर बार उठता ही है खास कर ट्रैवलिंग के दौरान। ट्रिप पर जाने वाले सभी स्टाफ को महिलाओं की सुरक्षा के हिसाब से ट्रेन किया जाता है। उन्हें ग्रूमिंग के साथ ही ट्रिप के दौरान शराब न पीने की हिदायत भी दी जाती है। जिससे किसी भी तरह की परेशानियां खड़ी न हों। नॉर्मल लोकेशन पर ट्रिप के लिए हम सिर्फ फीमेल स्टाफ को रखते हैं। वहीं ट्रैकिंग के दौरान बतौर हेल्पिंग स्टाफ मेल मेंबर्स को बुलाया जाता है।”