एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस ने किए चौंकाने वाले खुलासे, रची थी PM मोदी की हत्या की साजिश

पूछताछ करने वाले अधिकारियों के अनुसार पुणे में भीमा कोरेगांव हिंसा और पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने में प्रशांत बोस की भूमिका थी. एनआईए की चार्जशीट में भी बोस का नाम सामने आया था.

झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) द्वारा गिरफ्तार किए गए एक करोड़ के इनामी माओवादी प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश (Conspiracy of assassination of PM Modi) हो या फिर छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में हमला (Jhiram Ghati Attack), हर साजिश का मास्टमाइंड वही था. रविवार को झारखंड पुलिस के डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी से संबंधित सभी जानकारियां दीं.

डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि प्रशांत बोस ने पूछताछ में जो बताया है वो एक तरह से महासागर जैसी हैं. पुलिस को इतनी सारी जानकारियां मिली हैं कि अगर उस पर काम किया जए तो पूरा माओवाद का ढांचा ही खत्म किया जा सकता है. प्रशांत से मिली सूचनाओं का विश्लेषम किया जा रहा है. डीजीपी ने बताया कि प्रशांत बोस भाकपा माओवादी संगठन के जनक की भूमिका में था. पांच दशकों की सक्रियता के कारण बोस पर झारखंड, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में केस दर्ज हैं.

50 से ज्यादा केस दर्ज

माओवादियों के सेकेंड इन कमांड होने के नाते देश के सारे बड़े कांड को प्रशांत बोस ने मंजूरी दी है. प्रशांत बोस के खिलाफ झारखंड में 50 जबकि शील मरांडी के खिलाफ 18 नक्सल कांड दर्ज हैं. डीजीपी ने बताया कि बिहार, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में प्रशांत बोस के खिलाफ दर्ज केस की जानकारी जुटाई जा रही है.

भीमा कोरेगांव हिंसा के पीछे भी प्रशांत था

पीएम मोदी की हत्या की साजिश भी रची गई थी, इसका मास्टरमाइंड भी प्रशांत ही था. इसके अलावा छत्तीसगड़ में 30 कांग्रेस नेताओं की हत्या में उसकी भूमिका थी. पूछताछ करने वाले अधिकारियों के अनुसार पुणे में भीमा कोरेगांव हिंसा और पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने में प्रशांत बोस की भूमिका थी. एनआईए की चार्जशीट में भी बोस का नाम सामने आया था.

जानकारी के अनुसार इस केस में एनआईए प्रशांत बोस को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. वहीं छत्तीसगढ़ में साल 2013 में बस्तर प्रभाग के झीरण घाटी में सलवा जुडुम के खिलाफ विद्याचरण शुक्ल, नंदकिशोर पटेल, दिनेश पटेल, महेंद्र करमा समेत 30 कांग्रेस नेताओं की हत्या को अंजाम देने की योजना को भी प्रशांत बोस ने ही मंजूरी दी थी.

50 सालों से सबसे बड़ा चेहरा

डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार भाकपा माओवादियों का पोलित ब्यूरो मेंबर बोस पांच दशकों से झारखंड, बिहार में माओवादियों का सबसे बड़ा चेहरा है. एमसीसीआई के प्रमुख बनने के लेकर कई राजनीतिक हत्याओं तक में प्रशांत बोस मास्टरमाइंड की भूमिका में था. यही वजह थी कि झारखंड, बिहार, छत्तीसढ़, पश्चिम बंगाल समत कई राज्यों की पुलिस को ही नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और एनआईए तक को प्रशांत बोस की तलाश थी.

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