Gwalior GDA News: बसाहट के लिए जीडीए ने मांगी जमीनें, प्रशासन ने पहले योजना और पुराना रिकार्ड देने को कहा

ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से रिहायशी योजनाओं को बसाने के लिए जमीनों की मांग की है।

ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से रिहायशी योजनाओं को बसाने के लिए जमीनों की मांग की है। राज्य शासन से हाल ही में जीडीए को निर्देश जारी कर कहा है कि 25 साल पुरानी योजनाओं को छंटनी के बाद बंद कर दिया जाए और योजना डिस्पोज की जाए। प्रशासन के पास एंटी माफिया अभियान से मुक्त आठ से करोड़ रुपये से भी अधिक जमीन है, जिसकी सुरक्षा न कर पाने के चलते प्रशासन भी जमीन दूसरे विभागों को आवंटित करना चाहता है। प्रशासन की इस मंशा को देखते हुए अब जीडीए ने सबसे पहले मउ जमाहर क्षेत्र में जमीन मांगी है। प्रशासन ने फिलहाल जीडीए से कहा है कि जमीन दे दी जाएगी,लेकिन पहले जीडीए अपना प्लान दे और पूर्व की योजनाओं के बारे में बताए। यह बता दें कि ग्वालियर जीडीए अपने कामकाजों को लेकर पहले ही कुख्यात है, जिससे अब दूसरी एजेंसियों का इस पर से भरोसा उठ गया है। जीडीए एक बिल्डर की भूमिका में मात्र रह गया है,जबकि शहर विकास का प्रमुख जिम्मा जीडीए के पास ही है।

 रहे कि जिला प्रशासन ने पिछले समय में चले एंटी माफिया मुहिम के तहत आठ सौ करोड़ रुपये से अधिक बाजार मूल्य की बेशकीमती जमीनों को मुक्त कराया है। इसमें कब्जा करने वालों में रसूखदारों के नाम भी शामिल थे। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह एंटी माफिया अभियान शुरू हुआ और भाजपा सरकार ने भी इस अभियान को अभी तक जारी रखा है। इसी अभियान के तहत अलग-अलग सब डिवीजनों में अपर कलेक्टरों को कमान देते हुए कलेक्टर के निर्देश पर यह अभियान चलेगा। अब इन जमीनों को सुरक्षित रखने के मकसद से विभागों को आवंटन करना सही विकल्प माना जा रहा है।

बुरे हाल में हैं जीडीए की अधिकतर योजनाएं

जीडीए में योजनाओं के क्या हाल हुए हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। गृह निर्माण समितियों के मामले हों या अनुबंध कर विकास योजनाओं पर अमल, अधिकतर के बुरे हाल हैं। यही कारण है कि अब लोगों का भी जीडीए से भरोसा उठ गया है। सीधी बात यह कि जीडीए अब सिर्फ एक कालोनाइजर की भूमिका में रह गया है, जबकि जीडीए पर नगर विकास का जिम्मा होता है।

पहले की योजनाओं का हाल बताना होगा

एंटी माफिया अभियान के तहत मुक्त जमीन लेने के लिए जीडीए हो या कोई और, विभाग को पहले पूर्व की योजनाओं की स्थिति बतानी होगी। पूर्व की योजनाओं में शासन की जमीन की क्या स्थिति रही और क्या हुआ। इसके अलावा मौजूदा जो जमीन मांगी जा रही है, उसका पूरा प्लान क्या रहेगा। यह आवश्यक जानकारी का प्लान देने के बाद ही जमीन दिए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी

जीडीए ने जमाहर में शासकीय जमीन की मांग की है। जीडीए से प्लान लिया जाएगा, जिससे यह पता चले कि क्या योजना रहेगी। शासकीय जमीनों का उपयोग बेहतर हो,इसके लिए यह प्रक्रिया की जा रही है।

 

विनोद भार्गव, नजूल अधिकारी,ग्वालियर

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