झोला छाप डॉक्टर के सामने देश के ड्रग माफिया-खूंखार मुजरिम भरते थे पानी और मांगते थे पनाह, हैरान रह जाएंगे वजह जानकर

आखिर इस डॉक्टर में ऐसी कौन सी खूबी थी जिसके चलते वो, कुख्यात अपराधियों की नजर में उनके सबसे बड़े ‘पनाहगार’ सा था. इस रहस्य से पर्दा उठाने की जिम्मेदारी दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हवाले की थी.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक ऐसे डॉक्टर की काली करतूतों का भंडाफोड़ किया गया है जिसकी देहरी पर देश के कुख्यात ड्रग माफिया से लेकर जेलों में कैद तमाम खूंखार मुजरिम भी पनाह मांगते थे. आखिर इस डॉक्टर में ऐसी कौन सी खूबी थी जिसके चलते वो, कुख्यात अपराधियों की नजर में उनके सबसे बड़े ‘पनाहगार’ सा था.

इस रहस्य से पर्दा उठाने की जिम्मेदारी दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हवाले की थी. स्पेशल सेल ने जब डॉक्टर के खुराफाती दिमाग में मौजूद शैतानी इरादों से हाईकोर्ट को वाकिफ कराया तो, हाईकोर्ट ने डॉक्टर को गिरफ्तार ही करवा लिया.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मास्टरमाइंड डॉक्टर को गिरफ्तार करके उससे तफसील से पूछताछ की तो सेल के अफसरों की आंखें खुली रह गईं. पता चला कि अदना सा दिखाई देने वाला झोला छाप डॉक्टर तो बड़े-बड़े गुनहगारों का शरणदाता है. मामूली सा झोलाछाप डॉक्टर अपने द्वारा जारी फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के बलबूते जेल की सलाखों में कैद खूंखार ड्रग माफियाओं और मुजरिमों को फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बेचता था.

इन्हीं जाली मेडिकल सर्टिफिकेट्स के बलबूते अपराधी जेल से जमानत पर बाहर निकल आते थे. फिलहाल आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार करके दिल्ली हाईकोर्ट में पूरे मामले की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल कर दी है. गिरफ्तार डॉक्टर का नाम राम कृष्ण गुप्ता (Noida Dr Ram Krishan Gupta) है.

रईस बनने के लालच ने अपराधी बना डाला

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित यूपी के नोएडा से इस मास्टरमाइंड डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है. पता चला है कि डॉ. राम कृष्ण झोला छाप डॉक्टर है. जेल में बंद और जेल से बाहर मौजूद कई खतरनाक अपराधियों से डॉक्टर के घर के से संबंध हैं. इन्ही अपराधी किस्म के लोगों की संगत में पड़कर और रातो-रात रईस बनने के लिए डॉक्टर ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बेचने का धंधा शुरु कर दिया था. डॉक्टर से यह जाली मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करने वालों में सबसे ज्यादा संख्या भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की थी. डॉक्टर एक जाली मेडिकल सर्टिफिकेट एक लाख रुपए तक में बेचता था. वैसे जैसा ग्राहक फंस जाता उस हिसाब से भी सौदा कर लेता था. आइए अब जानते हैं मामले का भांडाफोड़ आखिर कैसे हो सका?

ऐसे हुई मामले के भांडाफोड़ की शुरूआत

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुछ समय पहले करीब 330 किलोग्राम हेरोईन जब्त की थी. जब्त हेरोईन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत आंकी गई थी करीब 1 हजार करोड़ रुपए. उस मामले में सेल ने रईस खान नाम के ड्रग स्मग्लर को गिरफ्तार किया था. वो ड्रग स्मग्लर अभी तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. उस ड्रग स्मग्लर ने कुछ दिन पहले पत्नी की बीमारी संबंधी आवेदन हाईकोर्ट में देते हुए जमानत मांगी थी. आरोपी ने जमानत आवेदन के साथ मुलजिम द्वारा संलग्न किए गए पत्नी की बीमारी संबंधी मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हवाले कर दी. स्पेशल सेल ने रईस की पत्नी की बीमारी से संबंधित और हाईकोर्ट में मुलजिम द्वारा पेश सर्टिफिकेट की स्टेटस रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल कर दी.

स्पेशल सेल जुटी नेटवर्क तबाह करने में

तब इस बात का खुलासा हुआ कि रईस ने पत्नी की बीमारी का वो मेडिकल सर्टिफिकेट नोेएडा के झोलाछाप डॉक्टर से फर्जी बनवाकर दाखिल कर दिया था. ताकि हाईकोर्ट मुलजिम को पत्नी के इलाज के लिए अंतरिम जमानत दे दे. मामले का स्पेशल सेल द्वारा भण्डाफोड़ होने पर हाईकोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी का आदेश दिल्ली पुलिस को दे दिया. पुलिस ने डॉ. राम कृष्ण गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. तब उसने कबूला कि वो, इससे पहले भी 50 हजार से एक लाख रुपए तक में कई आपराधिक किस्म के लोगों को ऐसे फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर चुका है. फिलहाल अब इस मामले का भांडाफोड़ होने के बाद पुलिस इस पूरी चेन को ही तबाह करने में जुटी है. पुलिस पता लगा रही है कि गिरफ्त में आए डॉक्टर ने अब तक जिन जिन लोगों को ऐसे फर्जी सर्टिफिकेट दिए हैं. उन सबको तलाश कर उनके खिलाफ भी कानूनी कदम उठाया जाए

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