पिता को जेल हुई, बहन ने सुसाइड की, खुद गांव में काम किया; जानिए फिर कैसे इतने ताकतवर हो गए शी जिनपिंग

पांच साल का एक लड़का आईवी लीग के बेहतरीन स्कूल में पढ़ने जाता है। 9 साल की उम्र में उसकी दुनिया उलट-पलट जाती है। उसके पिता को माओ जेल में डलवा देते हैं। उसकी मां को मजदूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है। उसकी बड़ी बहन सुसाइड कर लेती है। उसे गांवों में पढ़ने और काम करने के लिए भेज दिया जाता है। ऐसे कठिन हालात से निकलकर एक दिन वो चीन की सत्ता के शीर्ष पर पहुंच जाता है। नाम है- शी जिनपिंग। उन्होंने आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता तो पहले ही बना लिया था, अब एक नया संकल्प पत्र लेकर आए हैं।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल के इतिहास में ये महज तीसरा संकल्प पत्र है, जिसने उन्हें माओ त्से तुंग के बराबर खड़ा कर दिया है। इस संकल्प पत्र में नए दौर की नई नीतियों पर बात की गई है, जिसका असर भारत समेत पूरी दुनिया पर होगा। आज की मंडे मेगा स्टोरी में शी जिनपिंग, उनके नए संकल्प पत्र और उसकी नीतियों के असर की पूरी कहानी…

ग्राफिक्स: पुनीत श्रीवास्तव

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