इंदौर मास्टर प्लान 2035:79 गांव की 30% जमीन पर पहले ही नक्शे पास, आईडीए के लिए मुश्किल होगा नई योजनाएं लाना
नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा शहर विकास योजना यानी मास्टर प्लान के दायरे में 79 गांवों को और जोड़ा जा रहा है। प्लानिंग एरिया में तकरीबन 40 फीसदी का विस्तार और किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में इंदौर विकास प्राधिकरण का दायरा सिमटकर रह जाएगा। 50 हजार 525 हेक्टेयर में फैले मास्टर प्लान में 38 हजार 105 हेक्टेयर जमीन 79 गांव के रूप में और जुड़ने जा रही है। खास बात यह कि नई जुड़ने वाली जमीन में से 30 फीसदी पर पहले ही नक्शे पास हो चुके हैं, ऐसे में आईडीए के लिए नई योजनाएं लाना मुश्किल होगा।
38105 में से 11704 हेक्टेयर पर पहले ही अनुमति दे चुका T&CP
टीएंडसीपी ने 79 गांवों को शामिल करने के लिए दावे, आपत्ति बुलाकर उनकी सुनवाई भी कर दी है। अब गांवों में जमीन का उपयोग निर्धारित किया जाएगा। आवासीय, व्यावसायिक, ग्रीन बेल्ट, इंडस्ट्री, आमोद-प्रमोद, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, पीएसपी के रूप में लैंडयूज निर्धारित कर दिए जाएंगे। ऐसे में आईडीए को अधिग्रहण के लिए जमीन का बड़ा भू-भाग मिलना संभव नहीं है। कुल 38 हजार 105 हेक्टेयर जमीन में 11 हजार 704 हेक्टेयर जमीन (30 फीसदी) पर जमीन मालिक पहले ही टीएंडसीपी से अनुमति ले चुके हैं।
केंद्र के मानकों के हिसाब से निर्धारित करने होंगे लैंडयूज
79 गांवों के दावे, आपत्ति का निराकरण करने के बाद इन गांवों में जमीनों के उपयोग निर्धारित किए जाएंगे। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की जिम्मेदारी रहेेगी कि वह केंद्र सरकार के यूडीपीएफआई के मानकों के अनुसार ही लैंडयूज का प्रतिशत गांवों में तय करे। हर गांव में उपलब्ध जमीन के हिसाब से वहां के लैंडयूज तय होंगे।
134, 136, 140 के बाद कोई स्कीम सफल नहीं
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा वर्ष 2005-06 में स्कीम नंबर 134, 136 और 140 के रूप में सफल स्कीम जारी की गई थी। लॉटरी द्वारा प्लॉट आवंटित किए गए थे। इसके बाद राऊ में स्कीम लाई गई, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। कई बार अलग-अलग नंबर से उसे जारी किया। आखिर में निरस्त ही करना पड़ा। दरअसल, अधिग्रहण के बाद जमीन मालिकों को मुआवजा, विकसित प्लॉट देने के नियम ने स्कीम जारी करने की व्यवस्था को बहुत कठिन कर दिया है। इसलिए भी प्राधिकरण नई स्कीम के बारे में विचार नहीं कर रहा है।
आईडीए चाहे तो फिर भी काम कर सकता है
प्लानिंग के जानकारों का कहना है कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा भले ही 79 गांव शामिल कर लिए गए हैं लेकिन फिर भी आईडीए के लिए स्कोप है। प्लानिंग वाले क्षेत्रों में आईडीए स्कीम जारी कर सकता है। हालांकि लोगों के द्वारा इसके पहले ही अपनी जमीनों के उपयोग निर्धारित करवा लिए गए हैं, इस कारण से परेशानी आ सकती है।