आरटीआई से निकाली गई जानकारी में खुलासा ….. मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की दुर्दशा; बीएमएचआरसी में विशेषज्ञ डॉक्टराें के 119 पद हैं, लेकिन इनमें से 80 खाली
गैस पीड़ितों के लिए बने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में डॉक्टरों के अभाव के कारण सर्जिकल आंकोलॉजी (कैंसर) विभाग को बंद कर दिया गया है। नेफ्रोलॉजी (गुर्दा रोग), न्यूरोलॉजी और गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने से इनसे जुड़ी बीमारियों के गंभीर मरीजों का इलाज ठप है।
हालांकि सामान्य मरीजों की ओपीडी चालू है, लेकिन गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रैफर कर दिया जाता है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बीएमएचआरसी में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 119 पद हैं, जिनमें से 80 पद खाली हो चुके हैं। अभी सिर्फ 39 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, इनमें से एक एम्स में प्रतिनियुक्ति पर है।
ये हाल तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई 2012 को भोपाल गैस पीड़ित संगठनों की जनहित याचिकाओं पर केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि बीएमएचआरसी को पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग इंस्टीट्यूट की तरह विकसित किया जाए।
लगभग वैसे ही जैसे, चंडीगढ़ या लखनऊ में पीजीआई-एमईआर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने जबलपुर हाईकोर्ट में अलग से सुनवाई चल रही है, लेकिन 9 साल से इस केस में 74 बार सुनवाई हुई है। अब 8 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख मिली है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 10 साल बाद भी नहीं बन सका पीजी इंस्टीट्यूट
रेसीडेंट्स के भरोसे इलाज
इलाज से जुड़े 16 विभाग
बीएमएचआरसी में कुल 17 विभाग हैं, इनमें 16 विभाग मरीजों के इलाज से जुड़े हैं, एक रिसर्च विभाग है। सिर्फ 7 विभाग ही ऐसे हैं जिनमें प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर या असि. प्रोफेसर ग्रेड के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। जबकि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, गेस्ट्रो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पल्मोनरी रेडियोलॉजी में सुपर स्पेशिलिटी डॉक्टर नहीं हैं।
डॉक्टरों के पे स्केल से जुड़े विवाद खत्म, भर्ती प्रक्रिया चल रही
बीएमएचआरसी के जनसंपर्क अधिकारी रितेश पुरोहित का कहना है कि डॉक्टरों के पे-स्केल को लेकर सभी विवाद अब लगभग खत्म हो चुके हैं। इसलिए नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है। एनीस्थिया, पैथोलॉजी और ऑप्थेल्मोलॉजी में नए डॉक्टरों की आमद के बाद पीजी कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है।
ये विभाग हैं बीएमएचआरसी में
- एनिस्थिया
- कार्डियोलॉजी
- कार्डिएक सर्जरी
- मेडिकल गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी
- माइक्रोबॉयोलॉजी
- नेफ्रोलॉजी
- न्यूरोलॉजी
- न्यूरोसर्जरी
- ऑप्थेल्मोलॉजी
- पैथोलॉजी
- साइकेट्री
- पल्मोनरी, मेडिसिन
- रेडियोलॉजी
- सर्जिकल गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी
- ट्रासफ्यूजन मेडिसिन
- यूरोलॉजी
- रिसर्च
कोर्ट से ये की है मांग
आईसीएमआर का मूल काम रिसर्च है, उनके पास हॉस्पिटल चलाने की विशेषज्ञता नहीं है। हमने कोर्ट से मांग की है कि या तो इसका एम्स में विलय कर दिया जाए, या एम्स का स्टेटस बीएमएचआरसी को दे दिया जाए। –एनडी जयप्रकाश, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में गैस पीड़ितों के वकील