राजस्थान की 96% जनता रैलियों के खिलाफ:पाठक बोले- रैली दिल्ली में बैन तो राजस्थान में क्यों नहीं?, तुरंत रद्द होनी चाहिए
बढ़ते कोरोना मामलों और इसके घातक वैरिएंट ओमिक्रॉन की देश में दस्तक के बीच राजस्थान में होने जा रही सियासी रैलियों पर दैनिक भास्कर ने सर्वे कराया। भास्कर के इस सर्वे में करीब 28 हजार लोगों ने भाग लिया। इनमें से 96 फीसदी लोगों ने सियासी रैली के खिलाफ वोट दिया। आमजन की सेहत से जुड़े सबसे बड़े मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने राजस्थान की जनता से राय भी मांगी थी। करीब 2 हजार लोगों ने अपनी राय भी हमें भेजी है।
पोल में भाग लेने वाले करीब 28 हजार लोगों में से 54 फीसदी लोगों का कहना था कि रैलियां तुरंत बैन होनी चाहिए क्योंकि इससे कोरोना फैलेगा। वहीं 25 फीसदी ने कहा कि कोर्ट को दखल देकर पार्टियों को पाबंद करना चाहिए। इस तरह करीब 17 फीसदी पाठकों ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को खुद ही संज्ञान लेकर रैलियां रद्द कर देनी चाहिए। पोल में 4 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिनका कहना है कि फिलहाल कोरोना संक्रमण कम है, रैलियां हो सकती हैं।
भास्कर सर्वे में मांगी गई राय पर भी लोगों ने अपनी बात रखी। 99 फीसदी पाठकों ने अपनी राय में कहा कि रैलियों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की बात कही। सीकर से मनोज कुमार पारीक ने कहा कि हमारा वोट उस पार्टी को जाएगा जो सबसे पहले रैली रद्द करने की घोषणा करेगी। वहीं जयपुर के शुभम अग्रवाल ने अपनी राय में रैली को नरसंहार की तरह बताया है। रामकिशन मीना ने कहा कि रैली कराने वाली पार्टियों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज होना चाहिए। परमेश्वर का कहना है कि दिल्ली में रैलियां बैन कर दी गई हैं तो राजस्थान में क्यों नहीं?
सीकर से निखिल यादव ने कहा कि पार्टियों को आमजन की कोई चिंता नहीं, पार्टियां केवल सियासी रोटियां सेंक रही हैं। जनता को ही समझदार होना पड़ेगा। आमजन को खुद ही ऐसी रैलियों में नहीं जाना चाहिए। बृज किशोर के मुताबिक जब बच्चो की परीक्षा टल या रद्द हो सकती है तो रैली तो भविष्य में कभी भी करा सकते हैं। भीलवाड़ा से राजेश शर्मा और अमर चंद का कहना है कि डिजिटल युग में भीड़ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग होना चाहिए। सवाई माधोपुर से डॉ. जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि सरकार स्वयं आदेश देती है, कोरोना गाइडलाइन का पालन करो लेकिन रैलियों के समय खुद नियम भूल जाते हैं।
दरअसल, बीते दिनों दक्षिण अफ्रीका से जयपुर लौटे एक परिवार को 4 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही होगी। लेकिन जिस रफ्तार से कोरोना फैल रहा है, उसे WHO से लेकर एक्सपर्ट भी चिंताजनक मान चुके हैं। इस भयानक स्थिति में कांग्रेस की 12 दिसंबर को बड़ी रैली होने जा रही है। वहीं भाजपा 5 दिसंबर को अपना जनप्रतिनिधि सम्मेलन बुला रही है।
कांग्रेस की रैली में राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से भी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित बड़े नेता शामिल होंगे। वहीं भाजपा के जनप्रतिनिधि सम्मेलन में भी हजारों की भीड़ जुटने की संभावना है। इस सम्मेलन में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह जयपुर आएंगे।
कैसे उड़ती है गाइडलाइन की धज्जियां तस्वीर में देखें
ये दोनों तस्वीरें सियासी रैलियों से पहले भीड़ जुटाने की जद्दोजहद की हैं। पहली तस्वीर 3 दिसंबर की है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल हैं।
कई नेता बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। ये सभी उस स्टेडियम का जायजा लेने गए थे जहां 12 दिसंबर को कांग्रेस की बड़ी रैली होगी। इसमें भीड़ जुटाने के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं दूसरी तस्वीर प्रदेश भाजपा मुख्यालय है कि जहां अमित शाह की रैली की तैयारियों को लेकर बैठक की गई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित सभी सीनियर नेता बिना मास्क दिखाई दिए।