संसद में गूंजा 17 छात्राओं के यौन शोषण का केस ….. फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर 8 माह में दोषियों को सजा दें, आप सांसद संजय सिंह ने उठाई आवाज

  • आप सांसद संजय सिंह राज्यसभा में बेटियों की सुरक्षा पर बोले
  • मुजफ्फरनगर की 17 छात्राओं के यौन शोषण का मामला उठाया

प्रेक्टिकल एग्जाम के बहाने 10वीं की 17 छात्राओं के यौन शोषण का मामला राज्यसभा में गूंजा। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने देश में बालिकाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने जिले में 17 छात्राओं के यौन शोषणा का मामला गंभीरता से उठाते हुए सदन के माध्यम से फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर छह माह के भीतर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की।

18 नवंबर को भोपा थाना क्षेत्र के एक गांव की 17 छात्राओं को प्रैक्टिकल एग्जाम दिलाने के बहाने पुरकाजी क्षेत्र के एक विद्यालय में रात को ठहराया गया था। आरोप था कि रात के समय दो अलग-अलग विद्यालय प्रबंधकों ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की। जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने मुदकमा दर्ज कर दोनों आरोपी प्रबंधकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश में बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीर बना हुआ है। 17 छात्राओं के यौन शोषण का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि धोखे से उन्हें दूसरे विद्यालय ले जाया गया। संजय सिंह ने कहा कि खिचड़ी में नशीला पदार्थ खिलाकर रात के समय छात्राओं का यौन शोषण किया गया। जिसके बाद उन्हें फेल करने की धमकी देकर चुप रहने को कहा गया।

कई दिनों बाद बड़े संकोच और डर के साथ एक छात्रा ने अपने अभिभावक से घटना के बारे में बताया। अभिभावक ने थाने में आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दी। लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि 17 छात्राओं के साथ यौन शोषण की ऐसी घटना को अंजाम देने वाले दुर्दांत अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि ऐसी घिनौनी घटना को अंजाम देने वालों को फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर छह माह के भीतर सजा दिलाई जानी चाहिए।

घटना के बाद ये की गई कार्रवाई
थाना पुरकाजी पुलिस ने यौन शोषण की घटना के बाद पांच दिसंबर को सूर्यदेव पब्लिक स्कूल मजलिसपुर तौफीर माजरा महाराजपुर थाना भोपा के प्रबंधक योगेश चौहान तथा जीजीएस इंटरनेशनल एकेडमी तुगलकपुर कम्हेड़ा थाना पुरकाजी के प्रबंधक अर्जुन सिंह के विरुद्ध पोक्सो सहित छेड़छाड़ व धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। दोनों को कोर्ट ने 14-14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।

दो पीड़िताओं के मजिस्ट्रियल बयान
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले 161 सीआरपीसी के तहत दो पीड़ित छात्राओं के बयान लिये थे। जिसके बाद दोनों छात्राओं के 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष गोपनीय बयान कराए गए। सूत्रो की माने तो दोनों छात्राओं ने अपने बयान में एफआइआर में लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। दोनों पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।

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