लट्ठमार थानेदार सस्पेंड, अब फेवर में वीडियो बनवा रही पुलिस ….. प्रियंका बोलीं- मानव अधिकारों के उल्लंघन में यूपी नंबर एक, वरुण बोले- ये कैसी व्यवस्था
कानपुर देहात में गोद में बच्चा लिए कर्मचारी नेता को लाठियों से पीटने वाले दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। उधर, कर्मचारी नेता की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस और सपा के साथ वरुण गांधी ने योगी सरकार पर हमला किया है। इस बीच पुलिस का दोहरा रवैया भी सामने आ रहा है। पुलिस माहौल बनाने के लिए अब अन्य कर्मचारियों से जबरन अपने पक्ष में बयान भी करवा रही है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर ऐसी ही पुरानी घटनाओं के वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी मानव अधिकारों के उल्लंघन में नंबर-1 पर पहुंच गया है। समाजवादी पार्टी ने इसे भाजपा का जंगलराज बताया है।
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। वरुण ने कहा कि सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वाले को न्याय के स्थान पर बर्बरता का सामना करना पड़े।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इंस्पेक्टर हुआ सस्पेंड
कानपुर देहात में कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला जिला अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर मामले की सूचना अकबरपुर थाने में दी गई थी। अकबरपुर थाना प्रभारी विनोद मिश्रा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को हटाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और कर्मचारी नेता की जमकर बहस हुई और रजनीश शुक्ला को हिरासत में लेकर पुलिस की जीप में बैठा लिया। इस दौरान अकबरपुर थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा के अंगूठे में रजनी शुक्ला ने काट लिया।
इससे झल्लाए थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा ने जमकर लाठीचार्ज कर दिया। जबकि कर्मचारी नेता गोद में बच्चा लिए हुए था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस की जमकर फजीहत हुई। इसके बाद शुक्रवार सुबह डीजीपी दफ्तर से मामले का संज्ञान लिया गया। इसके बाद एडीजी के आदेश पर थाना प्रभारी विनोद मिश्रा को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही पूरे मामले में जांच अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया को दी गई है।
बयान में कर्मचारी बोले-पुलिस ने अच्छा काम किया
कानपुर देहात पुलिस अब इस पूरे मामले में पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। केश की दिशा बदलने के लिए पुलिस कुछ अन्य कर्मचारियों के बयान करवा रही है। जिसमें वे पुलिस के समर्थन में बयान दे रहे हैं।सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला के ऊपर कुछ कर्मचारी आरोप लगा रहे हैं। हालांकि दैनिक भास्कर इन वीडियो की पुष्टि नहीं कर रहा है। पर जब एसपी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
कर्मचारी नेता पर हुए 3 मुकदमे
कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला पर थाना प्रभारी को दांत से काटने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। दूसरी ओर अस्पताल में निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार ने भी उसके खिलाफ रंगदारी, मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया है। जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से भी कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें आरोप है कि बगैर किसी सूचना के धरना प्रदर्शन करने लगे और जबरन अस्पताल की ओपीडी बंद कराई गई। इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।