ऑनलाइन दुनिया में बच्चों को चाहिए सही दिशा …. इंटरनेट पर अच्छा व सही कंटेंट ज्यादा, बच्चों को बताएं कि उसका सही उपयोग कैसे करें
ऑनलाइन क्लासेस में पेरेंट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चों के हाथ से मोबाइल छुड़ाने की है। पेरेंट्स को यही डर रहता है कि बच्चे कहीं गलत रास्ते पर न चले जाएं। कई पेरेंट्स ने इसे लेकर चिंता जताई। भास्कर से सवाल पूछे कि ऐसे में वे क्या करें कि बच्चे के हाथ में मोबाइल भी रहे। वो सही दिशा में भी जाए।
डॉ. व्यास ने कहा कि मोबाइल को सही नजरिए से देखा जाए, तो यह वरदान से कम नहीं है। उन बच्चों को देखिए जो कम उम्र में ही एप डेवलप कर रहे हैं, जो मोबाइल के माध्यम से बिजनेस करने की जुगत में लगे हैं। या वे बच्चे जो प्रोग्रामिंग या कोडिंग सीख रहे हैं। वे बच्चे भी, जो इंटरनेट या मोबाइल पर केवल नॉलेज की बात ही ढूंढ़ते हैं। यह बात पेरेंट्स को समझना होगी कि वे अपने बच्चे को किस तरह की सामग्री दिखाना चाहते हैं। इससे संबंधित पेरेंट्स के सवालों के जवाब दिये डॉ. भरत व्यास ने।
मोबाइल का सदुपयोग कैसे करें बच्चे?
आईटी के इस युग में ऑनलाइन सूचनाओं की बाढ़ है। इनमें अच्छी और बुरी दोनों हैं। ये हमारे ऊपर है कि हम बच्चे को कौन सी दिशा में ले जाते हैं। यदि हमने बच्चों को अच्छी सामग्री या कंटेंट या सही इन्फोर्मेशन की ओर मोड़ दिया, तो बच्चा सही दिशा पकड़ लेता है।
यह कैसे किया जाए क्योंकि कई पेरेंट्स टेक्नो फ्रेंडली नहीं होते?
बच्चे टेक्नो फ्रेंडली हैं, वे टेक्नोलॉजी के प्रति जागरुक भी हैं। उन्हें केवल सही दिशा की जरूरत है। यदि बच्चों को इंटरनेट मीडिया पर अच्छी सामग्री देखना सिखा दिया तो वे आगे बढ़ सकते हैं। जिन पेरेंट्स को यह नहीं आता। वे खुद बच्चों के साथ बैठकर उन्हीं से कहें कि वे अच्छा कंटेंट ढूंढ़ लेंगे।
लेकिन कई सामग्री पैसों में उपलब्ध है, जो हर पेरेंट्स के बूते का नहीं, ऐसे में वे क्या करें?
बच्चों को वैदिक गणित के बारे में बताएं। इंटरनेट पर इसके सभी टूल्स उपलब्ध हैं। यह सीखकर बच्चे कैल्कुलेशन तेजी से कर सकते हैं। बच्चों का इसमें इंटरेस्ट जगा दिया, तो यह बच्चों को इतना अच्छा लगेगा कि वे इसमें लगे रहेंगे। अनावश्यक कंटेंट से वे दूर रहेंगे। इसी तरह साइंस के भी बहुत से एक्सपेरिमेंट्स नेट पर उपलब्ध हैं। यह सबकुछ फ्री में है। हमें केवल ढूंढ़ना होगा।
और क्या कर सकते हैं?
देश-दुनिया के श्रेष्ठ टीचर्स के वीडियो लेक्चर्स भी उपलब्ध हैं। बच्चों को उनके बारे में भी बताया जा सकता है। बच्चे जिस भाषा में चाहें उस भाषा में उपलब्ध हैं। आसान लैंग्वेज और लोकप्रिय अच्छे मटेरियल के साथ कंटेंट इंटरनेट उपलब्ध हैं। वीडियो देखकर भी वे काफी कुछ सीख सकते हैं, अपनी दिशा तय कर सकते हैं।
कम उम्र के बच्चे क्या कर सकते हैं?
बच्चों के सामने उम्र के मायने नहीं होते। आजकल कक्षा 6 के बच्चे भी कोडिंग करने लगे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समझने लगे हैं। इस उम्र के कई बच्चे एप डेवलप कर रहे हैं, प्रोग्रामिंग कर रहे हैं। वे बिजनेस की संभावनाओं को भी तलाश रहे हैं। प्रोग्रामिंग आदि के ट्यूटोरियल उपलब्ध हैं। उनका उपयोग कैसे करना ये भी बताया जा रहा है।