सीखें गुड पेरेंटिंग के गुर ….. बच्चों की प्रॉब्लम्स दोस्त बनकर सुनें, उन्हें वक्त दें, सलाह दें और परेशानी का हल बताएं

मोबाइल हाथ में आते ही बच्चा पढ़ाई के बीच या तो सोशल मीडिया पर चला जाता है या गेमिंग जोन में। वह इसी में सबसे ज्यादा वक्त बिताता है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण और समाधान बताया उज्जैन में ज्ञानसागर एकेडमी की प्रिंसिपल गीता गर्ग ने..

उन्होंने कहा कि बच्चों का दोस्त बनकर उनकी बातें सुनें। उनके सवालों का जवाब दें। यदि वे कोई सलाह मांगें और यदि पेरेंट्स को लगे कि बच्चे को जवाब देने का यह सही समय नहीं है तो उसे बाद में जवाब देने का कहकर बात पलट दें, फिर समय आते ही उसे उसकी जिज्ञासा को दूर करें।

बच्चों का सोशल मीडिया पर जाने का सबसे बड़ा कारण यही है कि पेरेंट्स बच्चों की बात नहीं सुनते, जबकि सोशल मीडिया पर जो दोस्त हैं, वे बच्चे उसे ध्यान से सुनते हैं और सलाह भी देते हैं। जानिये पेरेंट्स के सवालों के जवाब –

बच्चों के हाथ में मोबाइल रहते हुए उन्हें दूसरे कामों के लिए कैसे एक्टिव करें?
इस प्रश्न के उत्तर में मैं एक सवाल करना चाहती हूं। बच्चों के घर में बागवानी करना किसका काम है, खाना कौन बनाता है? घर जमाना या व्यवस्थित रखना या साफ-सफाई करना? ये सभी काम कौन करता है? निश्चित रूप से मां करती हैं। ये सभी काम मां खुद अपने ऊपर ले लेती हैं। बच्चा किसी भी उम्र का हो, मां या पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को उसकी उम्र के हिसाब से काम बताएं। सभी की जिम्मेदारी तय करें। ताकि बच्चा खुद को अपने काम के लिए रिस्पॉन्सिबल समझे। उसे खुद अपनी जिम्मेदारी का अहसास होगा।

फिजीकली और क्या कर सकते हैं?
बच्चों में रचनात्मकता लाएं। इंट्रेस्ट पैदा करें। और उसे एक्टिविटी में इन्वॉल्व करें। चाहे वे घर के काम में हो या यदि कोई पेरेंट‌्स वर्क फ्रॉम होम कर रहे हों। उसे उसकी उम्र और समझ के अनुसार काम दें।

सोशल मीडिया से कैसे बचाएं?
सबसे पहले हमें ये सोचना होगा कि बच्चा सोशल मीडिया या गेमिंग की ओर जाता क्यों है। बच्चा अपनी बात सोशल मीडिया पर इसलिए कहता है क्योंकि उसे लगता है कि उसके मम्मी-पापा या पेरेंट्स उसकी बात नहीं सुनेंगे या झिड़क देंगे या पॉजिटिवली नहीं लेंगे या उतनी गंभीरता से नहीं सुनेंगे जितना वो चाहता है।

तो पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?
जब भी बच्चा पेरेंट्स के साथ कोई भी बात शेयर करे, तो उसकी बात सुनने के लिए सुनें। दरअसल उसके वर्चुअल फ्रेंड्स उसकी बात ध्यान से सुनते हैं और उसे सलाह देते हैं। इसलिए बच्चा सोशल मीडिया की ओर ज्यादा जाता है।

केवल सुनने के लिए सुनेंगे तो बच्चा इग्नोर कर देगा, वह बार-बार पूछेगा, तब क्या करें
बच्चों की कुछ बातों का जवाब तो तत्काल दिया जा सकता है। लेकिन कई सवाल बच्चे बड़े गहरे पूछ लेते हैं। उन सवालों का जवाब भी उतनी ही समझदारी से दिया जाना चाहिए। भले ही कुछ समय बाद में दें या कुछ दिनों बाद। उसके जिज्ञासा को शांत करना पेरेंट्स के लिए जरूरी है। ताकि वह आपसे हर बात शेयर करे।

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