घर-घर में शहीद, ऐसा है राजस्थान …. हर साल 5 लाख से ज्यादा युवा सेना भर्ती में आजमाते हैं किस्मत, 20 हजार का होता है सिलेक्शन

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए कुलदीप राव झुंझनूं (राजस्थान) के थे। उनके पिता नेवी से रिटायर्ड हैं। बहन भी सेना में अफसर है। ये तो बानगी भर है। राजस्थान के हर इलाके में ‘कुलदीप’ हैं। झुंझुनूं का धनूरी, दीनवा, नुआ, सीकर का अजीतगढ़, श्रीमाधोपुर, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर का बीनवालाड़खानी, जोधपुर का शेरगढ़ इलाके ऐसे हैं, जहां के हर दूसरे और तीसरे घर में शहीद मिल जाएंगे। कई घर तो ऐसे हैं कि तीन-चार पीढ़ियों से सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं।

हर साल होने वाली सेना भर्ती में 5 लाख से ज्यादा राजस्थान के युवा भाग लेते हैं। करीब 20 हजार को इसमें सफलता मिलती है और वो सेना का हिस्सा बनते हैं। देश की रक्षा करते-करते शहीद होने वालों में हर साल 35 जवान राजस्थान से ही होते हैं। संडे बिग स्टोरी में पढ़िए, ऐसे ही इलाकों के शौर्य-शहादत की कहानी…।

ग्राफिक्स : तरुण शर्मा

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