फंस गए मंत्री अजय मिश्र टेनी …… कहा था, ‘ बेटा घटनास्थल पर नहीं था, साबित हुआ तो दूंगा इस्तीफा’, विपक्ष बोला- अब देरी क्यों?
लखीमपुर खीरी हिंसा सोची समझी साजिश थी’। एसआईटी की जांच के इस निष्कर्ष के बाद गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी सवालों अपने ही बयान पर घिर गए हैं। दरअसल, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर हिंसा के पहले दिन से अपने बेटे को क्लीनचिट दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि उनका बेटा घटनास्थल पर नहीं था। यदि आशीष का वहां होना साबित हुआ तो वे इस्तीफा दे देंगे।
एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया पर लिखा है कि मोदी जी फिर से माफी मांगने का टाइम आ गया है। लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ।
प्रियंका गांधी ने कहा कि जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृह राज्यमंत्री की क्या भूमिका थी?उन्होंने पीएम मोदी के ऊपर भी हमला करते हुए कहा कि किसान विरोधी मानसिकता के चलते ही उन्होंने अब तक अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा नहीं लिया है।
किसान एकता मोर्चा ने कहा कि किसानों के हत्यारे अगर संसद व सरकार में बैठकर काम करेंगे तो किसान कल्याण कैसे होगा? हम मांग करते है कि हत्यारों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा हो, मंत्री टेनी बर्खास्त हो।
आइए जानते हैं उन्होंने कब, क्या, कहा…
25 सितंबर को किसानों को दी धमकी
एक सभा को संबोधित करते हुए अजय मिश्र टेनी ने कहा था, ‘आप भी किसान हैं आप क्यों नहीं उतर गए आंदोलन में…अगर मैं उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता नहीं मिलता। पीठ पीछे काम करने वाले 10-15 लोग यहां पर शोर मचाते हैं तो फिर तो पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए था। क्यों नहीं फैला दस ग्यारह महीने हो गए? मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं सुधर जाओ…नहीं तो सामना करो आकर हम आपको सुधार देंगे दो मिनट लगेगा केवल…मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं। जो लोग यहां हैं, विधायक या मंत्री बनने से पहले मेरे बारे में जानते होंगे कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं…’
‘तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा’
5 अक्टूबर को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा था, ‘मैं लगातार अपनी बात रख रहा हूं। हमारे पास यह साबित करने के सबूत हैं कि न तो मैं और ना ही मेरा बेटा घटनास्थल पर मौजूद थे। अगर मेरे बेटे की मौजूदगी का प्रमाण साबित हो जाए तो मैं अभी मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।’
बेटा घटनास्थल पर नहीं था
लखीमपुर के सांसद टेनी ने कहा था, ‘हम किसी भी जांच एजेंसी का सामना करने के लिए तैयार हैं। इस घटना के साजिशकर्ताओं और आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। वीडियो में साफ दिख रहा है कि ड्राइवर को कार से खींचकर मार डाला गया। अगर वहां मेरा बेटा होता तो उसकी भी हत्या हो चुकी होती।’ अजय मिश्र ने कहा कि इतने लोगों की भीड़ में किसी को गाड़ी से कुचलकर भाग निकलना असंभव है।
लखीमपुर हिंसा के बारे में जानें
- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे। उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रम में शिरकत होने जाना था।
- अजय मिश्रा उनके साथ ही मौजूद थे। दोपहर करीब 1:30 बजे आपने काफिले के साथ लखीमपुर से बनवीरपुर के लिए निकले थे, उन्हें रिसीव करने के लिए बनवीरपुर से तीन गाड़ियां निकली थीं।
- तिकुनिया में किसान काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रही गाड़ियों का काफिला जब तिकुनिया से निकला, तो प्रदर्शनकारी किसानों से उनकी झड़प हो गई। ‘अजय मिश्रा के बेटे के काफिले’ ने किसानों को कुचल दिया।
- विपक्षी नेताओं में प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत तमाम नेता लखीमपुर खीरी के दौरे पर निकले, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया।